नई दिल्ली: इस बार देश में दो दिन होली मनाई जा रही है। दिल्ली और कुछ अन्य इलाकों में कल यानी 18 मार्च को ही होली मन गई। जबकि यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में आज यानी 19 मार्च को होली मन रही है। देखा जाए तो कोरोना के साए में बीत दो साल के बाद इस बार लोग खुल कर होली खेल रहे हैं। इसके साथ ही खुल कर होली की खरीदारी भी हुई है। तभी तो इस साल होली पर 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का सामान बिक गया है। यह पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा है।
चीनी सामानों का हुआ बहिष्कार
कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महामंत्री प्रवीण खंडेलवााल का कहना है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष होली के त्योहारी सीजन में 30 फीसदी ज्यादा बिक्री हुई। उनका कहना है कि इस साल देश भर में 20 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का व्यापार हुआ। एक और बात हुई कि इस बार चीनी सामान का न केवल व्यापारियों ने बल्कि आम लोगों ने भी पूर्ण बहिष्कार किया।
अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत
खंडेलवाल का कहना है कि बीते कुछ सालों में देखें तो होली से जुड़े सामान का देश में हर वर्ष करीब 10 हजार करोड़ रुपये का आयात होता था। इस बार यह बिल्कुल नगण्य रहा। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है क्योंकि लोगों ने होली पर जो भी सामान खरीदा वह भारत में ही बना था। होली पर जिन सामानों की ज्यादा बिक्री हुई, उनमें देश में ही निर्मित हर्बल रंग एवं गुलाल, पिचकारी, ग़ुब्बारे, चंदन , पूजा सामग्री, परिधान आदि थे। इसके अलावा मिठाइयां, ड्राई फ्रूट, गिफ्ट आइटम्स, फूल एवं फल, कपड़े, फ़र्निशिंग फैब्रिक, किराना, एफएमसीजी प्रोडक्ट, कंज्यूमर ड्युरेबल्स सहित अन्य अनेकों उत्पादों का बड़ा व्यापार भी हुआ।
समारोहों का भी लगा तांता
कोविड प्रतिबंधों के कारण जहां आम व्यापार को नुकसान हुआ वहीं ख़ास तौर पर हॉस्पिटेलिटी व्यापार तो लगभग खत्म ही हो गया था। लेकिन, इस वर्ष कोविड प्रतिबंध समाप्त होने के बाद दिल्ली सहित देश भर में भर में बड़े पैमाने पर होली समारोहों का आयोजन हुआ। इसके चलते बैंक्वेट हाल, फार्म हाउस, होटलों, रेस्टोरेंट एवं सार्वजनिक पार्कों में होली समारोहों आयोजनों का तांता लगा रहा। इस सेक्टर ने दो वर्ष के बाद अच्छा व्यापार किया। अकेले दिल्ली में ही छोटे—बड़े मिलाकर 3 हज़ार से ज़्यादा होली मिलन समारोह आयोजित हुए।
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