छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज रेडी टू ईट योजना को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. बीजेपी विधायकों ने इसे महिलाओं से काम छीनने वाला करार देते हुए खूब हंगामा किया. उन्होंने इसकी जांच की मांग की. छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री अनिल भेंडिया ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि जांच की जरूरत ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह काम किया जा रहा है, इसीलिए नेताओं के कहने पर जांच नहीं होगी. मंत्री अनिल भेंडिया के बयान के बाद विपक्ष ने जनकर नारे लगाने शुरू कर दिए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी विधायकों (BJP MLA) ने इस दौरान महिला विरोधी नीति के भी नारे लगाए. देखते ही देखते हंगामा काफी बढ़ गया. विपक्षी नेता स्पीकर डेस्क के पास जाकर नारेबाजी करने लगे. जैसे ही ये विधायक गर्भगृह में पहुंचे, सभी 13 विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया.
इसके बाद पांच मिनट के लिए सदन की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई. हालांकि बाद में विपक्षी नेताओं का निलंबन (BJP MLA) वापस भी ले लिया गया. तब जाकर एक बार फिर से सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हो सकी.
‘महिलाओं से काम छीनने वाली नीति’
बता दें कि छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी में दिए जाने वाले खाने को अब महिलाएं नहीं बल्कि कुछ सेंट्रलाइज्ड एजेंसियां बना रही हैं. बीजेपी ने इसी बात का विरोध करते हुए सरकार की इस नीति को महिलाओं से काम छीनने वाला बताया. इसके साथ ही विधानसभा में संसदीय सचिवों के अधिकारों का भी मामला उठाया गया.
बीजेपी विधायक की तरफ से शून्यकाल में ये मामला उठाया गया. इसके साथ ही विधानसभा के प्रतिवेदन में फोटो लगाने पर भी विपक्ष ने आपत्ति हाजिर की. इस बात को लेकर भी बीजेपी विधायकों ने खूब हंगामा किया.
‘अमानक खाद से परेशानी और यूरिया की किल्लत’
बीजेपी विधायकों के हंगामे पर मंत्री मोहम्मद अकबर ने अपने जवाब में कहा कि संसदीय सचिव मंत्रियों की हेल्प के लिए है, इसीलिए फोटो छपने से क्या आपत्ति है. उन्होंने कहा कि ये कहां लिखा है कि फोटो नहीं छप सकती. उनके जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने आपत्ति खारिज कर दी.
सदन में किसानों की खाद का भी उद्दा उठा. बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने सवाल किया कि अमानक खाद से परेशानी है साथ ही यूरिया की किल्लत भी है. विपक्ष इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लेकर आया. नेता प्रतिपक्ष ने भूपेश बघेल सरकार पर किसानों का शोषण करने का आरोप लगाया. साथ ही विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की भी मांग की.
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