
रायपुर। 5 कंपनियों को दो कंपनियों में समाहित करने को कांग्रेस ने सबसे अच्छा निर्णय बताया है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि दो कंपनी बनाने से कंपनी का खर्च कम होगा बेहतर समन्वय होगा और बिजली की दरें कम की जा सकेंगी
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जो बिजली की दरें हाफ करने का वादा किया था पांच कंपनियों की जगह दो कंपनी बनाने का फैसला उस दिशा में उठाया गया पहला कदम है जो लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं वह यह चाहते हैं कि प्रदेश में उपभोक्ताओं को आधी दर पर बिजली ना दी जा सके उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिलती रहे।
केरल और हिमाचल प्रदेश में एक पंजाब और तमिलनाडु में दो दो और महाराष्ट्र में तीन जबकि पूरे हिंदुस्तान में पावर का सबसे बड़ा सेटअप महाराष्ट्र में है और छत्तीसगढ़ का पावर का सेटअप महाष्ट्र का मात्र 10 प्रतिशत है 2009 में जब छत्तीसगढ़ सीएसईबी का पांच कंपनियों में विभाजन हुआ था कांग्रेस पार्टी ने और सीएसईबी के 10000 अधिकारी कर्मचारियों ने सड़क पर उतर कर इसका विरोध किया था
1 जनवरी 2009 को प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के और सीएसईबी के कर्मचारियों के विरोध के बावजूद जनता के विरोध के बावजूद पांच कंपनियां बना दी गई 29 जनवरी 2009 को शासन ने 1 रिव्यू रिपोर्ट बनाने के लिए कमेटी का गठन किया था
लेकिन आज तक उस कमेटी की वह रिपोर्ट सामने नहीं आ सके 2009 में सीएसईबी के कर्मचारियों ने कहा था कि अगर 5 कंपनी नहीं बनेगी तो आगामी 5 वर्षों तक बिजली की दर बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी 2009 से लेकर 2019 तक 10 वर्षों में बिजली की दरों में छत्तीसगढ़ में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब इस निर्णय से इस बेतहाशा बढ़ोतरी पर विराम लगेगा और बिजली उपभोक्ता को राहत मिलेगी।