भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने कहा है कि प्रदेशभर में धान ख़रीदी करने वाली 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल को प्रदेश सरकार क़तई गंभीरता से नहीं ले रही है। इस हड़ताल के चलते इस वर्ष फिर किसानों को अपनी उपज सरकारी समर्थन मूल्य पर बेचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। शर्मा ने चेतावनी दी है कि इस वर्ष प्रदेश सरकार किसानों के साथ षड्यंत्र करने से बाज आए और यह सुनिश्चित करे कि किसान समर्थन मूल्य पर अपना धान बिना किसी परेशानी व प्रताड़ना के बेच सकें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के इस शासनकाल में किसानों को हर बार अपना धान बेचने के लिए बहुत पीड़ा सहनी पड़ी है। किसानों को टोकन देने के बाद भी उनका धान नहीं ख़रीदना, बारदाने की कमी बताकर किसानों को तक़लीफ़ देना, निर्धारित मात्रा से कम धान ख़रीदने के लिए रकबा कटौती, रकबा समर्पण जैसे षड्यंत्र रचना इस नाकारा प्रदेश सरकार की धान ख़रीदी नीति की कुल जमा उपलब्धि है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों से त्रस्त होकर प्रदेश के लगभग 550 किसानों को पिछले तीन साल के कांग्रेस शासनकाल में आत्महत्या के लिए मज़बूर होना पड़ा है। बावज़ूद इसके, प्रदेश सरकार पुरानी गलतियाँ दुहरा रही है। शर्माा ने कहा कि सहकारी समितियों के कर्मचारी लंबे समय से हड़ताल पर हैं, जिन पर किसानों के पंजीयन और धान ख़रीदी का सारा दारोमदार होता है। प्रदेश सरकार इस आंदोलन को समाप्त करने के लिए कोई समाधानकारी पहल जान-बूझकर नहीं कर रही है। शर्मा ने चेतावनी दी कि प्रदेश सरकार के किसान-विरोधी चरित्र के चलते अगर इस बार किसानों को धान बेचने में ज़रा भी कठिनाई हुई तो भाजपा किसाानों को साथ लेकर प्रदेश सरकार की बदनीयती का माक़ूल ज़वाब देगी।
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