
जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर गुरूर ब्लॉक के ग्राम बोहारडीह के नयापारा में मृत्युभोज व मातर कार्यक्रम में शामिल 51 लोग बीमार हो गए हैं। इनमें चार साल के छोटे बच्चे से लेकर 85 साल तक के बुजुर्ग भी शामिल हैं। स्थिति जब बिगड़ी तो मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग को गांव में अस्थाई कैंप लगाने की नौबत आ गई। सभी को दस्त, बुखार, हाथ, पैर दर्द की शिकायत है।
तबीयत खराब होने का सिलसिला पहले से शुरू हो गया था। जो मंगलवार को भी जारी रहा। डॉक्टरों की टीम गांव में मौजूद रही। फूड पॉइजनिंग की आशंका है। जिला टीम के अनुसार गांव में मृत्युभोज के बाद से ही असर दिखना शुरू हो गया था, लेकिन कम लोग बीमार हुए थे। इसलिए किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, बाद में मातर व अन्य कार्यक्रम में भी वे शामिल हुए। जिससे मरीजों की संख्या बढ़ गई तो विभाग को सूचना दिए। मंगलवार को गांव पहुंचकर सीएमएचओ डॉ. जेपी मेश्राम, जिला सर्विलेंस अधिकारी डॉ. संजीव ग्लेड, गुरूर बीएमओ डॉ. जीआर रावटे ने स्टाफ व ग्रामीणों से चर्चा की। सोमवार रात को गांव के जगदीश (85 वर्ष) और रामू नेताम (75 वर्ष) की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें गुरूर अस्पताल में भर्ती किए हैं।
बीएमओ- जो बीमार वे सब मृत्युभोज और अन्य कार्यक्रम में शामिल हुए थे अधपके भोजन से ही फूड पॉइजनिंग
सरपंच- 3 नवंबर को था भोज, मातर में सौ से ज्यादा लोग शामिल हुए थे, पानी या मौसम भी इसकी वजह हो सकती है
विभाग अलर्ट – टीम के साथ गांव पहुंचकर सीएमएचओ, जिला सर्विलेंस अधिकारी, बीएमओ ने किया दौरा
गांव के इन लोगों को पेट में दर्द, दस्त की शिकायत
बोहारडीह के ज्ञानदीप, हीरामन, सिरवंतिन, दृश्या, सृष्टि, गोदावरी, रेवती, गीतेश्वरी, वेद, सुरेखा, तेजेस्वनी, रामप्रसाद, आलेनराम, प्रदीप, सरस्वती, इंद्रा बंजारे, हेमराज, राजू मंडावी, चंचल, जगदीश, फागूराम, रामू नेताम, मोक्षिता, देवरिन बाई, योगेंद्र कुमार, झुमुकलाल सहित अन्य लोगों को दस्त, पेट दर्द, पेट मरोड़ने की शिकायत के बाद दवाई दी गई। 19 लोगों को दस्त की शिकायत थी।
असर बाद में नहीं हो सकता
सरपंच दीपक ठाकुर का कहना है कि दिवाली के पहले 3 नवंबर की रात गांव में आयोजित मृत्युभोज में 100 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे, मेहमान भी आए थे लेकिन अधिकांश स्वस्थ हैं। साथ ही असर बाद में नहीं हो सकता, समझ से परे है। पानी या मौसम में उतार-चढ़ाव भी वजह हो सकती है। पानी की जांच करने भी टीम पहुंची थी। सरपंच ने बताया कि गांव में बोर व टंकी के माध्यम से पानी सप्लाई की जाती है। सुरक्षा के लिहाज से जांच करवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम नजर रखे हुए है।
इस लक्षण को न करें नजरअंदाज
बालोद के डॉ. राहुल अग्रवाल के अनुसार फूड पॉइजनिंग होने पर पेट में दर्द, डायरिया, दस्त, उल्टी, हल्का बुखार, कमजोरी, चक्कर आदि लक्षण देखने को मिलते हैं। यदि किसी को खाना खाने के थोड़ी देर बाद एकदम से कमजोरी महसूस होने लगे तो इसे नजरअंदाज न करें। कई बार फूड पॉइजनिंग से स्थिति काफी गंभीर हो जाती है। इसका असर 24 से 48 घंटे में ही दिखना शुरू हो जाता है, चार दिन बाद असर दिखना समझ से परे है। यह बाद में कुछ और खाए होंगे या फिर पानी का भी हो सकता है।
कुछ लोगों को दस्त की शिकायत
गुरूर बीएमओ डॉ. जीआर रावटे ने बताया कि ग्राम बोहारडीह में उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर टीम के साथ भ्रमण कर लोगों को जरूरी जानकारी दी गई है। 25-30 लोगों को सामान्य दस्त की शिकायत थी, दो बुजुर्गों की हालत ज्यादा खराब है। उन्हें गुरूर में ही रखा गया है, वे भी जल्द ही रिकवर हो जाएंगे, गांव से सूचना के बाद कॉम्बेट टीम पहुंच गई थी। यह फूड पॉइजनिंग है, मृत्युभोज या मातर या अन्य खान-पान में शामिल लोगों को ही उल्टी-दस्त की शिकायत है। हेल्थ टीम तैनात है।
कलेक्टर बोले- बेहतर इलाज करें
बोहारडीह मामले की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर जनमेजय महोबे ने संबंधितों को जांच व प्रभावितों का बेहतर उपचार के निर्देश दिए। 51 मरीजों का प्राथमिक उपचार किया गया। सीएचसी गुरूर में 2 मरीज भर्ती हैं। प्रभावित क्षेत्र के जल स्रोतों का चलित प्रयोगशाला से पानी का सैंपल लिया गया है। एसडीएम रश्मि वर्मा ने बताया कि रूखमणी यादव के यहां 3 नवंबर को मृत्यु भोज रखा गया था। जांच में यह तथ्य सामने आया कि रूखमणी यादव के वार्ड के लोग ही प्रभावित हुए हैं तथा रिश्तेदारों को समस्या नहीं है।