दिल्ली में आयोजित हुई भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी बैठक में शामिल हुए. दोनें नेता वर्चुअली तरीके से बैठक में शामिल हुए.
साथ ही इस बैठक में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंदीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे.
बैठक में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी पिछले सात सालों से केंद्र की सत्ता में है और पूरब से लेकर पश्चिम तथा उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई राज्यों में उसकी सरकारें भी हैं, लेकिन अब भी उसका उत्कर्ष आना बाकी है.
एनडीएमसी सम्मेलन कक्ष में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए नड्डा ने केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में संगठन को और मजबूत करने पर जोर दिया.
नड्डा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में संगठन को मजबूत बनाने के लिए इस साल 25 दिसंबर तक सभी मतदान केंद्रों में बूथ समितियों का गठन, अप्रैल 2022 तक पूरे देश में पन्ना प्रमुखों की समिति का गठन और प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को बूथ स्तर पर सुनने की व्यवस्था करने का लक्ष्य निर्धारित किया.
प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार
बीजेपी अध्यक्ष ने कोरोना काल में देश का ‘सफल’ नेतृत्व करने, रिकॉर्ड टीकाकरण, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने, नागरिकता संशोधन कानून लाने, किसानों तक विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने, दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया.
नड्डा ने अपने संबोधन में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन का विशेष उल्लेख किया और आरोप लगाया कि चुनाव बाद हिंसा में राज्य में पार्टी के 53 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई जबकि एक लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा. उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में बीजेपी प्रजातांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ेगी और अराजक तत्वों को जवाब देगी.
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