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मौत के बाद फूटा गुस्सा… विद्युत सब स्टेशन में जान गांव चुके कर्मचारी के घर वालों ने शव लेने से किया इंकार… 50 लाख मुआवजा और नौकरी की मांग…

रविवार की दोपहर शहर के मेकाहारा स्थित मर्चुरी में कुछ लोगों ने हंगामा कर दिया। विद्युत विभाग के अफसरों को इनकी नाराजगी झेलनी पड़ी। हंगामा करने वाले लोग उस कर्मचारी के परिजन थे, शनिवार को जिसकी रावनभाटा सब स्टेशन में काम करते हुए जान चली गई। परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने विभाग के अफसरों से कहा कि हमें 50 लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को अनुकम्पा नियुक्ति दें। अफसरों की बातें परिजनों ने नहीं सुनी तो कुछ ही देर में अधिकारी धीरे-धीरे मौके से गायब हो गए। दूसरे कर्मचारियों की समझाइश पर घर वाले शव लेजाकर अंतिम संस्कार को राजी हुए। इसके बाद दोबारा मुआवजे और नियुक्ति की मांग की जाएगी।

दरअसल शनिवार को रावनभाटा सब स्टेशन में मेंटनेंस के काम के दौरान किसी ने बिजली की लाइन ऑन कर दी थी। खंभे पर चढ़कर काम कर रहा 24 साल का श्रीराम पटेल वहीं झटका लगने से जिंदा जल गया था। इसका एक साथ अमित साहू बुरी तरह से घायल है उसका उपचार किया जा रहा है। रविवार को मृतक के घर वालों के साथ दूसरे संविदाकर्मी भी विभाग के खिलाफ साथ खड़े हो गए। इस मामले में एक जूनियर इंजीनियर को विभाग ने निलंबित कर दिया है।

विभाग देता है बीमा की राशि और संविदा नियुक्ति
विभागीय सूत्रों की मानें तो इस तरह के हादसे के बाद मृतक के घर वालों को 15 लाख रुपए दिए जाते हैं। कर्मचारियों का बीमा करवाया जाता है इसी से ये राशि दी जाती है। घायलों का अस्पताल में कैशलेस इलाज किया जाता है। मौत होने पर परिवार के सदस्य को संविदा नियुक्ति देने का भी नियम है। दूसरी तरफ कर्मचारी संघ के अभिषेक वर्मा ने बताया कि संविदा पर काम कर रहे लोगों को विभाग अपनी मर्जी से इस्तेमाल करता है। खंभों पर चढ़कर काम करना संविदाकर्मियों के जिम्मे नहीं होता, ये लाइनमैन का काम है। मगर फिर भी विभाग संविदा कर्मियों से ही ये काम करवाता है। साल 2021 में इस तरह 10 से अधिक कर्मचारी जान गंवा चुके हैं। जिम्मेदारों को सिर्फ कुछ दिर सस्पेंड कर वापस काम पर रख लिया जाता है।

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