भिलाई: पचरीपारा के व्यापारियों पर चाकू से जानलेवा हमला करने के बाद महाराजा चौक पद्मनाभपुर में एक दुकानदार को उस्तरा मारकर लूटपाट करने के आरोपित पूर्व पार्षद व उसके दोनों साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
तीनों आरोपितों का पुलिस ने जुलूस भी निकाला।
तीनों कान पकड़े हुए महाराजा चौक से न्यायालय तक पैदल गए। वहां पर तीनों को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से तीनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
पुलिस ने दुर्ग निगम के पूर्व पार्षद व एमआइसी सदस्य अजय दुबे व उसके सहयोगी दिपेश साहू और आकाश बनवासी को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपितों ने दो दिन पहले महाराजा चौक पर मोबाइल व फैंसी सामान की दुकान चलाने वाले रोहित गुप्ता से लूटपाट की थी।
शाम को तीनों आरोपित दुकान में पहुंचे थे। वहां पहुंचते ही आरोपित अजय दुबे ने शिकायतकर्ता के सीने पर गन टिका दिया और गल्ले से 10 हजार रुपये निकाल लिए। इसका विरोध करने पर आरोपित अजय दुबे ने अपने पास से उस्तरा निकालकर उस पर वार कर दिया था। इसके बाद तीनों आरोपित वहां से भाग गए थे।
इसके अलावा अजय दुबे ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर पचरीपारा निवासी दो व्यापारी भाइयों पर चाकू से जानलेवा हमला किया था।
पूर्व की घटना में शामिल दोनों आरोपितों को दुर्ग कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अजय दुबे, दिपेश साहू और आकाश बनवासी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपितों के पास से उस्तरा और गननुमा लाइटर जब्त किया गया। गिरफ्तारी के बाद महाराजा चौक से न्यायालय तक तीनों आरोपितों का जुलूस भी निकाला गया।
एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि आरोपित अजय दुबे लोगों के बीच अपना डर पैदा करने के लिए हर घटना के बाद फेसबुक पर उसकी जानकारी अपलोड करता था। वो लोगों को चेतावनी देता था कि जो उसके रुपये नहीं देगा, वो उनका यही अंजाम करेगा।
उन्होंने बताया कि आरोपित अजय दुबे के खिलाफ पूर्व में कुल 22 मामले पंजीबद्ध हैं। जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास और चाकूबाजी जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। आरोपित के खिलाफ वर्ष 1989 में पहली बार चाकूबाजी की प्राथमिकी दर्ज की गई थी और आखिरी बार वर्ष 2005 में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई थी।
वर्ष 2005 के बाद से उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी और न ही कोई प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
Add Comment