नई दिल्ली. भारतीय सेना को जल्द ही एक नई धुन (संगीत का एक विशेष हिस्सा) मिल सकती है, जिसके बोल हिंदी में होंगे. यह स्कोर बीटिंग द रिट्रीट (Beating the Retreat) जैसे ‘गंभीर राष्ट्रीय औपचारिक कार्यक्रमों’ के अंत में बजाया जाएगा. भारत में सैन्य कार्यक्रमों में बजने वाली कई धुनें ब्रिटिश हैं. सेना के रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) में कहा गया है कि नया गाना शहीद होने वाले भारतीय सैनिकों और उनके परिवार को समर्पित होगा. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि नई धुन से या अन्य किसी सैन्य धुन को बदला जाएगा.
जानकारी मिली है सेना के एडीशनल डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सेरेमोनिल वेलफेयर की तरफ से नए स्कोर के लिए बोलियां जुलाई में आमंत्रित की गई थी. फिलहाल, तीन गीतकारों की तरफ से धुनें भेजी गई हैं और उनका आकलन किया जा रहा है. भारत में सैन्य कार्यक्रमों में कई ब्रिटिश धुनें बजा करती हैं. उदाहरण के लिए अलग-अलग सैन्य अकादमियों में परेड के गुजरने के दौरान ‘Auld Lang Syne’ बजाया जाता है. 29 जनवरी को हुए बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम में शामिल बैंड के ‘सारे जहां से अच्छा’ शुरू करने से पहले पारंपरिक रूप से ‘Abide With Me’ को आखिरी धुन के तौर पर बजाया गया था.
बीटिंग द रिट्रीट जैसे कार्यक्रमों में भारतीय धुनों पर काफी ज्यादा ध्यान दिया गया है. इस साल हुई बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के दौरान ‘स्वर्णिम विजय’ समेत कुछ नई धुनों को बजाया गया था. इसके अलावा भी अन्य प्रदर्शन भारतीय धुनों पर ही हुई थे. बीते साल ‘Abide With Me’ को ‘वंदेमातरम’ के पक्ष में हटाए जाने की योजना थी, लेकिन 2020 और 2021 में दोनों बार इसका इस्तेमाल हुआ. RFP में यह स्पष्ट रूप से नहीं लिखा है कि नई धुन पुरानी धुनों के साथ शामिल होगी या ‘Abide With Me’ की जगह लेगी.
इस प्रक्रिया में कंपनी का चुनाव किए जाने का बाद वेंडर को कॉन्ट्रैक्ट को अंतिम रूप दिए जाने के बाद 30 दिनों में धुन पहली स्क्रीनिंग के लिए पेश करनी होगी. वेंडर को कॉन्ट्रैक्ट शुरू होने के 45 दिनों के भीतर लिरिक्स और म्यूजिक के साथ अंतिम धुन लेकर तैयार रहना होगा. खबर है कि इसके अलावा सैन्य प्रशिक्षणों और रणनीतिक शिक्षा में और स्वदेशी बातों को शामिल किए जाने की चर्चाएं जारी हैं.
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