नई दिल्ली: निजी बैंक तो तेजी से डिजिटल ट्रांजेक्शन पर फोकस कर ही रहे हैं, लेकिन सरकारी बैंक भी पीछे नहीं हैं। मंगलवार को राज्य सभा में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंकों में अब करीब 72 फीसदी तक डिजिटल ट्रांजेक्शन होने लगे हैं।
2019-20 में पब्लिक बैंकों के करीब 3.4 करोड़ ग्राहक डिजिटल चैनलों पर एक्टिव थे, जो 2020-21 तक दोगुने होकर 7.6 करोड़ हो गए हैं।
यही तो चाहते थे पीएम मोदी!
पीएम मोदी जब से सत्ता में आए हैं, उन्होंने लगातार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने वाले काम किए हैं। वह बार-बार डिजिटल इंडिया का नारा देते हैं और युवाओं को तकनीक के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। कालेधन को रोकने के लिए वह हमेशा से चाहते थे कि अधिक से अधिक वित्तीय ट्रांजेक्शन हों,
जिससे एक-एक पैसे पर नजर रखना आसान हो जाए। इसी के चलते भीम यूपीआई समेत कई अहम कदम भी उठाए गए। अब सरकारी बैंकों में डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे पीएम मोदी को यकीनन खुशी हो रही होगी।
डिजिटल ट्रांजेक्शन से होंगे कई फायदे
अगर तमाम बैंक डिजिटल ट्रांजेक्शन करते हैं तो इससे कई फायदे होंगे। इससे काले धन पर लगाम लगाने में तो मदद मिलेगी ही, तमाम ग्राहकों को भी खूब फायदा होगा।
डिजिटल ट्रांजेक्शन होने की वजह से बैंक जाकर काम करवाने में लगने वाला समय बचेगा। अगर लोगों के समय बचेगा तो वह उस समय में कुछ और कर सकते हैं, जिससे प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी। इतना ही नहीं, आपको कैश रखने के झंझट से भी छुटकारा मिलेगा।
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