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राफेल विमान सौदे पर राहुल गांधी ने फिर पूछा सवाल… ‘JPC जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं?’

नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज 59 हजार करोड़ रुपये के राफेल विमान सौदे की फ्रांसीसी जांच पर सरकार की चुप्पी पर निशाना साधा. विपक्ष ने कहा कि इस सौदे से जुड़े दस्तावेज़ों से भी ज़ाहिर होता है कि मिडिल मैन को डील में करोड़ों-करोड़ गिफ़्ट में दिए गए. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट के जरिए सरकार से सवाल पूछा है. राहुल गांधी ने पूछा कि संयुक्त संसदीय समिति यानी JPC जाँच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है? इसके साथ ही उन्होंने चार विकल्प को अपने ट्वीट में शामिल किये है, जिसमें अपराधबोध, मित्रों को भी बचाना है, जेपीसी और राज्यसभा सीट नहीं चाहिए और चौथा विकल्प था ये सभी विकल्प सही है.इससे पहले, राफेल डील पर 3 जुलाई को राहुल गांधी ने एक कहावत ट्वीट की थी, उन्होंने लिखा था चोर की दाढ़ी…

कांग्रेस (Congress) प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने रफाल लड़ाकू विमानों की डील (Rafale Jet Deal) में हुई गड़बड़ी पर फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार (Modi Gonernment) पहली ऐसी सरकार है जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा को अपने दोस्तों की जेब भरने का ज़रिया बना दिया. उन्होंने कहा, “राफेल सौदे की जांच के लिए फ्रांस ने तो जज बिठा दिया है लेकिन 24 घंटे बाद भी भारत सरकार की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई?”

कांग्रेस प्रवक्ता ने ललकारते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो पीएम मोदी प्रेस कॉन्प्रेन्स कर रफाल डील से जुड़े सवालों के जवाब दें. उन्होंने पूछा कि आखिर राफेल की जांच के मुद्दे पर पूरी मोदी सरकार चुप क्यों है?

खेड़ा ने कहा, “जिस देश को फ़ायदा हुआ वह जाँच कर रही है, लेकिन जिस देश के लोगों के टैक्स का पैसा लुटा, उस देश में जाँच नहीं हो रही है.” उन्होंने कहा कि इस सौदे से जुड़े दस्तावेज़ों से भी ज़ाहिर होता है कि मिडिल मैन को डील में करोड़ों-करोड़ गिफ़्ट में दिए गए. खड़ा ने कहा, ‘अब ये ओपन एंड शट केस की दिशा में बढ़ गया है.’

कांग्रेस नेता ने कहा, “राफेल एक श्रेष्ठ लड़ाकू जहाज़ है तभी यूपीए ने इसकी तरफ़ कदम बढ़ाया था लेकिन 570 करोड़ की क़ीमत पर, मोदी सरकार ने इसे बढ़ा कर 1670 करोड़ कर दिया.” उन्होंने पूछा, “126 विमान आने थे, सरकार ने संख्या घटाकर 36 क्यों कर दिये?”

कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि राफेल डील की संसदीय समिति से जांच की मांग पर सरकार चुप क्यों है. उन्होंने कहा कि डेसाल्ट की सफ़ाई से कोई मतलब नहीं ये G 2 G सौदा था, जिसमें HAL को बाहर कर निजी कंपनी को लाया गया.

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