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लापरवाही: सीरिंज में नहीं भरी गई कोविड वैक्सीन… युवक को लगा दी खाली सुई…

देश में कोरोना टीकाकरण का काम तेजी से चल रहा है. अब तो टीकाकरण के मामले में कई रिकॉर्ड भी बनाए जा रहे हैं. पहले की तुलना में स्पीड भी ज्यादा है और कम समय में कई लोग टीका भी लगवा पा रहे हैं. लेकिन इस जल्दबाजी में लापरवाही की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. ऐसी भी घटनाएं आ रही हैं जहां पर सीरिंज में बिना कोविड वैक्सीन भरे लोगों को टीका लग रहा है. ऐसा ही मामला बिहार से सामने आया है जहां पर एक युवक को वैक्सीन लोड किए बिना ही टीका लगा दिया गया. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है.

बिना सीरिंज भरे लगा दी वैक्सीन
वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि कैसे एक महिला स्वास्थ्य कर्मी द्वारा सीरिंज का रैपर फाड़ कर सीरिंज में बिना कोविड वैक्सीन भरे इंजेक्शन लगाया जा रहा है. जब युवक को वैक्सीन लग रही होती है, उस समय उसका दोस्त पूरी घटना को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर लेता है. तब तक ना उस युवक और ना ही उसके दोस्त को अंदाजा होता है कि वैक्सीन नहीं लगाई गई है.

जब इस वायरल वीडियो पर सारण के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी(DIO) डॉ अजय कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस वायरल वीडियो की जानकारी है,उन्होंने इस लापरवाही पर संज्ञान लेते हुए उक्त नर्स चंदा कुमारी से 48 घंटों के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की है,साथ ही तत्काल प्रभाव से उसे ड्यूटी से भी हटा दिया है.

जल्दबाजी में हुई ये गलती
साथ ही DIO ने इस बात की भी जानकारी दी कि महिला नर्स ने जानबूझकर ये लापरवाही नहीं की है, बल्कि क्योंकि ज्यादा भीड़ थी इस वजह से भूलवश ऐसा हो गया. अब कहा जा रहा है कि उस युवक को दोबारा पहली डोज के लिए बुलाया जा सकता है. वहीं ये भी कहा गया है कि युवक अपने मन मुताबिक नई तारीख का चयन कर सकता है. उस डेट पर वैक्सीन लगा दी जाएगी.

मीडिया ने उस युवक से भी बात की जिसे इस तरह से वैक्सीन लगाई गई थी. पीड़ित अज़हर ने बताया कि उस नर्स ने किसी दुर्भावना से नहीं बल्कि भूलवश उसे खाली सीरिंज लगा दी थी. साथ ही युवक ने बड़ा दिल दिखाते हुए उस नर्स को माफ करने की भी बात कही. यह भी कहा कि उस नर्स के ऊपर कोई ऐसी कार्रवाई ना हो जिससे उसकी नौकरी पर कोई खतरा आ जाए.

वायरल वीडियो के बाद एक्शन
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ी भूमिका मोबाइल की रही, जिसकी वजह से ये लापरवाही दुनिया के सामने आ पाई और समय रहते एक्शन भी लिया गया.अगर यह घटना कैमरे में कैद ना होती तो उस युवक को यह भी नही पता चलता कि उसे वैक्सीन मिली या नहीं. उसे तो यहीं समझ आता कि उसने वैक्सीन की पहली डोज़ ले ली है. इस तरह का ग़ैर ज़िम्मेदाराना कार्य कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर सवालिया निशान खड़ा करता हैं.

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