बीजेपी नेता के निधन पर विवादित पोस्ट के चलते एक पत्रकार और कार्यकर्ता गिरफ्तार, गोमूत्र और गोबर को लेकर किया था कमेंट

मणिपुर (Manipur) में फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट के चलते एक स्थानीय पत्रकार और एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है. दरअसल पिछले हफ्ते ही प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष एस टिकेंद्र सिंह की कोरोना से मौत हो गई थी. ये मामला उनकी मौत को लेकर विवादित पोस्ट करने से जुड़ा है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार रात को प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष उषाम देबन और महासचिव पी प्रेमानंद मीतेई ने मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई जिसके आधार पर पत्रकार और कार्यकर्ता को उनके घर से गिरफ्तार किया गया है.
क्या था फेसबुक पोस्ट?
बीजेपी नेता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, दोनों ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा था कि गोमूत्र और गोबर कोविड -19 का इलाज नहीं है. जानकारी के मुताबिक, दोनों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है.
कुछ समय पहले ही बलिया से बीजेपी के विधायक सुरेंद्र सिंह (BJP MLA Surendra Singh) लोगों को कोविड से बचने के लिए रोजाना गोमूत्र पीने की सलाह देते नजर आए थे. सुरेंद्र सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा था जिसमें वे दावा कर रहे थे कि वे रोज गोमूत्र का सेवन करते हैं इसलिए कोविड से बचे हुए हैं. माना जा रहा है इस तरह के दावों को लेकर ही दोनों ने ये फेसबुक पोस्ट किया.
वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को वैक्सीनेशन को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक सशक्त माध्यम बताया और कहा कि बड़े पैमाने पर इसकी सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयास निरंतर जारी हैं. राज्यों और जिलों के अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों पर बहुत ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि जब जिला कोरोना को हराएगा तभी देश कोरोना से जंग जीतेगा.
उन्होंने कहा, ‘टीकाकरण कोविड से लड़ाई का एक सशक्त माध्यम है, इसलिए इससे जुड़े हर भ्रम को हमें मिलकर दूर करना है. कोरोना की वैक्सीन की सप्लाई को बहुत बड़े स्तर पर बढ़ाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं’. प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम केयर्स के माध्यम से देश के हर जिले के अस्पतालों में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने पर तेजी से काम किया जा रहा है और कई अस्पतालों में इन संयंत्रों ने काम शुरू कर दिया है.