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महीने में दूसरी बार कर्ज की कतार में सरकार… केंद्र से अब तक नहीं मिली GST क्षतिपूर्ति की राशि…

रायपुर। एक तरफ कोरोना की वजह से राज्‍य सरकारों का राजस्‍व प्रभावित हो रहा है, दूसरी तरफ केंद्र सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि नहीं दे रही है। ऐसे में राज्‍यों को अपने विकास कार्यों के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। छत्‍तीसगढ़ समेत 15 राज्‍य सरकारों ने कर्ज के लिए फिर से रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआइ) का दरवाजा खटखटाया है।

15 राज्‍यों के लिए आरबीआइ को 16,725 करोड़ के कर्ज की व्‍यवस्था करनी है। इसके लिए देश के सर्वोच्‍च बैंक आरबीआइ ने बैंकों से प्रस्‍ताव मांगा है, जिस पर 27 अक्‍टूबर को विचार किया जाएगा। छत्‍तीसगढ़ सरकार ने इस बार हजार करोड़ के कर्ज के लिए आवेदन दिया है। इस महीने में यह दूसरा मौका है जब राज्‍य सरकार कर्ज के लिए आरबीआइ में गई है।



वित्‍त विभाग के अफसरों के अनुसार राज्‍य सरकार यह कर्ज राज्‍य में संचालित विभिन्‍न विकास कार्यों के लिए मांग रही है। वहीं, सरकार ने एक नवंबर को राज्‍यस्‍थापना दिवस के मौके पर किसानों को राजीव गांधी किसान न्‍याय योजना की तीसरी किस्‍त देने की घोषणा की है।

इसके लिए भी सरकार को हजार करोड़ रुपये से अधिक जरुरत पड़ेगी। यही वजह है कि सरकार को इस महीने में लागातार दूसरी बार कर्ज लेना पड़ रहा है। अफसरों के अनुसार केंद्र सरकार यदि जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि समय पर दे देती तो यह कर्ज नहीं लेना पड़ता। प्रदेश सरकार को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रुप में करीब तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक मिलना है।

इस वर्ष अब तक तीन हजार करोड़ का कर्ज
प्रदेश सरकार चालू विततीय वर्ष में अब तक तीन बार में तीन हजार करोड़ रुपये का कर्ज आरबीआइ के माध्‍यम से ले चुकी है। सरकार ने चालू वित्‍तीय वर्ष में पहला कर्ज 1300 करोड़ रुपये का अगस्त में लिया था। इसके बाद सितंबर में 700 करोड़ रुपये लिया। इसके बाद छह अक्‍टूबर फिर हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया। इससे राज्‍य पर कुल कर्ज का बोझ करीब 60 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

इन 15 राज्‍यों ने कर्ज के लिए किया है आवेदन
आंध्रप्रदेश दो हजार, गोवा 100, गुजरात 1500, हरियाणा दो हजार, हिमाचल प्रदेश 1000, कर्नाटक दो हजार, पंजाब 500, राजस्‍थान 1000, तमिलनाडु 1000, तेलंगाना 1000, उत्‍तर प्रदेश 2500 व उत्‍तराखंड 700 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए आवेदन किया है।

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