नई दिल्ली. देश में काेराेना (Corona)के बढ़ते मामलाें के बीच एक तरफ जहां कई राज्याें में नाइट ताे कही एक दिन का कफ्यू लग गया है. वहीं मुंबई (Mumbai)में लगातार बढ़ते मामलाें के बीच जारी नई गाइडलाइन के तहत अब कुछ देशाें से मुंबई आने वाले यात्रियाें (Passenger )काे 14 दिन तक क्वारंटीन(Quarantine) हाेना अनिवार्य कर दिया है. इनमें यूके, यूराेप, मिडिल ईस्ट, साउथ अफ्रीका से आने वाले यात्रियाें के लिए 7 दिन का इंस्टीट्यूशनल और 7 दिन का हाेम क्वारंटीन रहना अनिवार्य हाेगा.
हालांकि इसमें ऐसे व्यक्ति जिनकी उम्र 65 साल से ऊपर की है, गर्भवती महिलाएं, पांच साल के नीचे के बच्चाें काे इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन नहीं रहना हाेगा. बीएमसी ने इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए है.
सिर्फ इन्हें मिलेगी राहत
बीएमसी ने जाे गाइडलाइन जारी की है उसमें व्यक्ति जिनकी उम्र 65 साल से ऊपर की है, गर्भवती महिलाओं और पांच साल से कम बच्चाें के अलावा जिन लाेगाें काे इससे छूट रहेगी उनमें पांच साल से कम के बच्चाें के माता-पिता, ऐसे यात्री जिन्हें गंभीर बीमारी है या फिर जिन्हें तुरंत मेडिकल इमरजंसी हाे के साथ ऐसी स्थिति में जहां घर में पिता, माता, भाई, बहन या अन्य सदस्य किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हाे, या किसी की मृत्यु हाे गई हाे.
ऐसे यात्री जिन्हाेंने काेविड 19 वैक्सीन का डाेज पूरा कर लिया हाे.मेडिकल प्राेफेशनल्स जाे अपने कार्य से जिसमें सर्जरी या दूसरे जरूरी काम हाे उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन छूट मिलेगी.
एयरपाेर्ट अधिकारी देगा परमिशन
ऐसे सभी मामलाें में जरूरी दस्तावेज यात्री काे एयरपाेर्ट पर माैजूद ऑफिसर इन चार्ज काे दिखाना हाेगा. जिसके बाद वाे तय करेंगे कि आपकाे छूट मिलनी चाहिए या नहीं. इसके बाद क्वारंटीन के पीरियड में सख्ती से नियमाें का पालन करना हाेगा.
एक दिन में सात माैतें
मुंबई में लगातार काेविड के मामले बढ़ते जा रहे है. शनिवार काे यहां काेराेना से पीड़िताें की कुल संख्या 3,58,896 तक पहुंच गई जबकि सात माैतें शनिवार काे हुई. यहां अब तक कुल 11576 माैतें हाे चुकी है. हर दिन औसतन रिकॉर्ड 20,043 केसेस सामने आ रहे है. वहीं शनिवार काे इनकी संख्या 27,126 थी.
रैपिड एंटीजन टेस्ट अनिवार्य
बीएमसी ने मुंबई के भीड़ भाड़ वाली जगहाें पर रैपिड एंटीजन टेस्ट करना शुरू किया है इसमें मॉल, रेलवे स्टेशन, बस डिपाे, खाऊ गली, मार्केट, टूरिस्ट प्लेस और सरकारी दफ्तर शामिल है. यदि काेई इस टेस्ट काे करवाने से मना करता है ताे उसे एपीडेमिक एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है.
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