छत्तीसगढ़स्लाइडर

501 दिन बाद आज से ‘स्कूल चले हम’… प्राइमरी की ऑफलाइन कक्षाएं मार्च 2020 से बंद थीं…

राज्य में 501 दिन बाद सोमवार, 2 अगस्त से प्राइमरी स्कूल खुलेंगे। कोरोना संक्रमण की वजह से 19 मार्च 2020 से प्राइमरी स्कूल बंद हैं। कक्षा 10वीं व 12वीं के लिए इस साल फरवरी में ऑफलाइन पढ़ाई के लिए स्कूल खोले गए थे। कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च में इसे बंद करना पड़ा। अब स्थितियां सुधरी तो शासन ने इन्हें फिर से खोलने का निर्णय लिया। इसी तरह आठवीं की पढ़ाई भी लंबे अंतराल के बाद शुरू हो रही है।

लंबे समय से स्कूल ऑफलाइन पढ़ाई के लिए खुलेंगे लेकिन इस बार यह बदले से रहेंगे। स्कूलों में सुबह की प्रार्थना फिलहाल नहीं होगी। खेल-कूद भी नहीं होगा। हालांकि, पढ़ाई के घंटे पहले जैसे रहेंगे। सरकारी स्कूलों में जहां एक पाली में कक्षाएं लगती है वहां सुबह 10.30 बजे से 4.30 बजे तक स्कूल खुलेंगे। जिन स्कूलों में दो पालियों में कक्षाएं लग रही हैं, वहां पहली पाली सुबह 7.30 से 11.30 बजे और दूसरी पाली 11.45 से शाम 5 बजे तक होगी। अफसरों का कहना है कि किताबों का वितरण हो चुका है। जिन बच्चों को किताबें नहीं मिली है, उन्हें स्कूल से किताबें दी जाएगी। गौरतलब है कि राज्य में करीब 56 हजार सरकारी, निजी व अनुदान प्राप्त स्कूल हैं।

तैयारी कर ली गई है
जिला शिक्षा अधिकारी एएन.बंजारा का कहना है कि पिछले साल से ऑफलाइन पढ़ाई के लिए प्राइमरी स्कूल बंद हैं। सोमवार से स्कूल खुल रहे हैं, बच्चों में भी उत्साह का माहौल है। स्कूल खोलने को लेकर तैयारी कर ली गई है। पढ़ने-पढ़ाने के लिए अच्छा महौल बनाना है, इसके लिए भी शिक्षकों को निर्देशित किया गया है।

स्कूल भेजने के पक्ष में पालकों के सुझाव

स्कूल प्रशासन बिना ढिलाई कोविड प्रोटोकाल का हर मिनट पालन कराए।

मास्क, हर रोज क्लास रुम का सेनेटाइजेशन हो, हैंड वाश के साथ बैठक व्यवस्था में दो गज दूरी रहे।

बसें भी आधी क्षमता के साथ चलाईं जाएं, ताकि खतरा कम हो, बसों को भी रोज सेनिटाइज किया जाए।

फौरी इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए, अभी कुछ नहीं, एक डॉक्टर या नर्स मौजूद रहना चाहिए।

हर बैंच पर एक ही बच्चे को बिठाया जाए।

नहीं भेजने वाले पालकों की आशंकाएं
स्कूल प्रबंधन कितने भी वादे करे वे कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं कर पाएंगे।

अभी स्कूल खोलने की जल्दबाजी न करे सरकार और एसोसिएशन।

जनवरी तक इंतजार करना चाहिए था, उसके बाद खोलना था।

अगले एक साल तक आनलाइन क्लासेस चलाई जा सकती है, वैक्सीनेशन तक रुका जा सकता है।

कालेज खोलकर स्थिति का आंकलन करना चाहिए, इसके बाद निर्णय लेना था।

ऐसी तैयारी
स्कूलों में 50% की उपस्थिति होगी। हाजिरी की अनिवार्यता नहीं है।

शिक्षकों व स्टाफ का वैक्सीनेशन जरूरी, रोज सेनिटाइजेशन करना

बच्चों व शिक्षकों से हाथ धुलवाना, दो गज दूरी बनाकर रखना

मास्क की अनिवार्यता, कोविड फ्री ग्राम पंचायत स्कूल खोलना (सरकार ने महाराष्ट्र का फार्मूला अपनाया है, जहां इसी तरह से स्कूल खोले गए हैं।)

600 अफसपर मोर्चे पर रहे
शिक्षा विभाग ने स्कूल खुलने को ध्यान में रखकर अपने 600 अफसरों को मोर्चे पर उतार दिया है। इसमें 28 आला राज्य स्तरीय अफसर, 5 संयुक्त संचालक, 10 उप संचालक, 58 सहायक संचालक, 29 डीईओ, 29 अधिकारी समग्र शिक्षा अभियान, 148 बीईओ,296 एबीईओ शामिल हैं। इन्होंने इंतजामात देखने जिलों का दौरा भी प्रारंभ कर दिया है। वे जांच कर रहे हैं कि शासन द्वारा तय 26 बिंदुओं के अनुसार स्कूलों में व्यवस्था की गई है या नहीं। इसके साथ ही कलेक्टरों से ताजा आदेश में कहा गया है कि वे या उनके अधीनस्थ अधिकारी जब भी फील्ड में निकले तो उस क्षेत्र में पड़ने वाले स्कूलों में जरूर जाएं। वे बच्चों व शिक्षकों को सपोर्ट करें। इसके लिए गाइड-लाइन (चेकलिस्ट) बनाकर भी कलेक्टरों को भेजी गई है।

गेट में करेंगे फीवर जांच : सोमवार से स्कूल आने वाले बच्चों की गेट में ही तापमान की जांच होंगी। देखा जाएगा कि इन्हें फीवर है या नहीं। जिन बच्चों को सर्दी, खांसी या बुखार है उन्हें गेट से ही वापस कर दिया जाएगा। मास्क भी अनिवार्य होगा। पिछली बार फरवरी में जब हाई व हायर सेकेंडरी की ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हुई थी, तब भी कई स्कूलों में गेट पर ही टेम्परेचर मापा जा रहा था। इसके अनुसार ही छात्रों को एंट्री दी जा रही थी।

सोशल डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन : अफसरों का कहना है कि सरकारी व निजी स्कूलों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। एक क्लास में 50 प्रतिशत छात्र बैठेंगे। छठवीं, सातवीं व नवमीं-ग्यारहवीं की कक्षाएं नहीं लगेंगी। इसलिए सरकारी स्कूलों में खाली पड़े कमरों में भी कक्षाएं लगेंगी।

पहली में एडमिशन अब भी : सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली में एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। अब भी प्रवेश लिए जा सकते हैं। अफसरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार दूसरी से लेकर आठवीं और नवमीं-ग्यारहवीं की परीक्षा नहीं हुई। छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जा चुका है। जो छात्र पिछले साल दूसरी में थे, अब वे तीसरी में चले गए हैं। शिक्षकों के माध्यम उन छात्रों को सूचना भी दे दी गई है।

स्कूल खुलने से उम्मीद : छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से लंबे समय से स्कूल बंद थे। कई निजी स्कूलों में इस बार भी प्रवेश कम हुए है। स्कूल खुलने से उम्मीद है कि प्रवेश को लेकर स्थिति ठीक होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल खुलने को लेकर उत्साह है। शहरी क्षेत्रों में उत्साह थोड़ा कम है।

केंद्रीय विद्यालय भी आज से खुलेंगे : राज्य में स्थित केंद्रीय विद्यालयों में भी ऑफलाइन पढ़ाई सोमवार यानी 2 अगस्त से शुरू हो जाएगी। राज्य में 45 केंद्रीय विद्यालय हैं। हालांकि, इन स्कूलों में फिलहाल दसवीं-बारहवीं की ऑफलाइन पढ़ाई होगी। 50 प्रतिशत छात्रों को बुलाया जाएगा। मास्क और सैनेटाइजर सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगा। गेट में ही टीचर जांच करेंगे फीवर की जांच करेंगे। कुछ दिन पहले केंद्रीय विद्यालय प्रबंधन की ओर से पालकों को सूचना दे दी गई है।

Back to top button
close