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किसानों को बिचौलिये से मुक्ति… खाद और कीटनाशक खुद खरीद कर ले सकेंगे अनुदान…

रायपुर. राज्य सरकार ने किसानों को राहत दी है। वे बिचौलियों से मुक्त होंगे। खाद-बीज समेत कई तरह की कृषि सामग्री वे अधिकृत-पंजीकृत संस्था से सीधी खरीदी कर विभाग से अनुदान हासिल कर सकेंगे। उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत आने वाली योजनाओं के तहत किसानों को सामग्री खरीदने की छूट दी गई है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सामाग्री आपूर्ति के लिए रेट कांट्रेक्ट ऑफर के द्वारा कंपनी को अनुबंधित करने का दायित्व छत्तीसगढ़ राज्य बीज विकास निगम का होगा।

इसके लिए एमडी बीज विकास निगम की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति का गठन किया जाएगा। समिति में कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, बीज प्रमाणीकरण संस्था के प्रतिनिधि तथा संचालक उद्यानिकी विभाग द्वारा नामित दो व्यक्ति सदस्य होंगे।



किसानों को उद्यानिकी विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत रासायनिक उर्वरक, सूक्ष्म तत्व, विभिन्न श्रेणियों के बीज, पौधे, कीटनाशक की खरीदी बीज विकास निगम में अनुबंधित कंपनी, मार्कफेड, उद्यानिकी विभाग की रोपणियों, नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड द्वारा संचालित रोपणियों, टिस्यू कल्चर प्रयोगशालाएं और कृषि विवि या उसके अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों की रोपणियों से क्रय करने पर अनुदान मिलेगा। योजना के अंतर्गत प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन एवं पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंध घटक का क्रियान्वयन नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड या ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के निधारित मापदंड के अनुसार किया जाएगा।

इन बातोें का रखना होगा ध्यान

किसानों को दी जाने वाली सामग्री में प्रदायकों द्वारा कृषकों के नाम, पते एवं उनके हस्ताक्षर युक्त कैश मेमो दिया जाएगा। खरीदी की गई सामाग्री की पूरी जानकारी देनी होगी। शासकीय रोपणियों या टिश्यू कल्चर लैब से पौधारोपण सामग्री क्रय करने की दशा में प्रभारी अधिकारी द्वारा पक्का बिल दिया जाएगा, इसके आधार पर ही अनुदान दिया जाएगा।

अनुबंधित दरों की सीमा से अधिक नहीं होगी

योजना के अंतर्गत अन्य सामग्री का क्रय बीज विकास निगम के स्तर पर गठित तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार कृषक अपनी पसंद से खुले बाजार से भी क्रय कर अनुदान प्राप्त कर सकेंगे। बीज निगम को छोड़कर अन्य संस्थाओं से सामग्री का क्रय अनुबंधित दरों की सीमा से अधिक नहीं होगा।

प्रदायकों के पास उक्त सामग्री नहीं होने की स्थिति में संचालक उद्यान द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के भंडार क्रय नियम 2002 एवं इसमें किए गए संसाधनों के अधीन किसान खुले बाजार से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार क्रय कर जिलों में पदस्थ अमले के माध्यम से पात्र हितग्राहियों काे उपलब्ध कराया जाएगा।



डीबीटी प्रक्रिया से होगा भुगतान किसानों को सामग्री क्रय करने का बिल 15 दिन के अंदर भौतिक सत्यापन के बाद प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर अनुदान का भुगतान किया जाएगा। इन प्रकरणों की स्वीकृति वित्तीय वर्ष में निर्धारित बजट की सीमा में ही की जाएगी।

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