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जवानों को फंसाने की थी साजिश… काम नहीं आया पैतरा…

सुकमा। बस्तर में नक्सली जवानों को फंसाने तरह-तरह के उपाय करते आए हैं। इस बार नक्सलियों का यह तरकीब काम नहीं आया। सुकमा के जंगलों में नक्सलियों ने नई चाल चलते हुए पेड़ों के पीछे पुतले खड़े कर हाथों में लकड़ी की बंदूक थमा दी थी।

इन पुतलों के नीचे आईइडी लगा रखी थी ताकि जवान आए तो विस्फोट का शिकार बना सके। सीआरपीएफ जवानों की समझबुझ के आगे नक्सलियों का यह पैतरा काम नहीं आया। जवानों ने आइईडी को निकालकर नष्ट किया और पुतलों को आग लगा दी।

गुरुवार को फोर्स को तिमेलवाड़ा और चिंतागुफा के बीच जंगल में आइईडी लगे होने की सूचना मिली थी। सीआरपीएफ 150वीं बटालियन के जवान सर्चिंग करते हुए मौके पर पहुंचे तो देखा कि पेड़ों के पीछे नक्सलियों ने तीन पुतले खड़े किए थे।



उनके हाथों में लकड़ी की बंदूकें थी। जवान नक्सलियों के इस चाल को समझ गए और पुतलों के पास पहुंचे और बारीकी से तलाशी ली। नक्सलियों ने पुतलों के नीचे सात किलो का एक आइईडी लगा रखा था। उसे निकालकर नष्ट किया और पुतलों को आग लगा दी।

जवानों को फंसाने के लिए नक्सलियों ने डबल ट्रैप लगा रखा था। अगर जवान एंबुश समझकर गलत पोजिशन लेते तो नक्सली एंबुश में फंसते। अगर वहां से बच जाते तो पुतलों के नीचे लगे आइईडी का शिकार हो जाते।

जवानों ने दोनों ट्रैप को भेदकर उनकी योजना विफल कर दी। आइजी विवेकानंद ने कहा पिछले डेढ़ साल से बस्तर में गणपति के नाम से काम तो बासव राजू ही कर रहा है। उनकी सभी हरकतों को हमारे जवान जानते हैं।

ज्ञात हो कि एक दिन पहले ही नक्सलियों ने सेंट्रल कमेटी के महासचिव के पद पर बासवराजू की नियुक्ति किया है। बासवराजू अब तक नक्सलियों का सेकंड इन कमान था और मिलिट्री ऑपरेशन वही देखता था। माना जा रहा है कि बासवराजू के चार्ज लेते ही नक्सली नई रणनीति लेकर सामने आए, हालांकि जवानों की मुस्तैदी के आगे उनकी योजना विफल हो गई।

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