मुंबई. देश भर में कोविड-19 (Covid-19) के बढते मामलों के बीच मुंबई (Mumbai) में प्लाज्मा रैकेट (Plasma Racket) का भंडाफोड हुआ है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री (Home Minister) अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने प्लाज्मा की कालाबाजारी (Black Marketing) पर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि डार्क नेट पर प्लाज्मा 10 लाख रुपये प्रति लीटर प्लाज्मा बिक रहा है.
मुंबई और आस-पास के इलाकों में प्लाज्मा रैकेट काम कर रहा है. यह रैकेट लोगों डार्क नेट पर अपने आप को कोरोना से ठीक हुआ मरीज बताता है, और प्लाज्मा देने के लिए जरूरतमंदों से बड़ी रकम वसूलता है. राज्य सरकार ने मुंबई पुलिस और साइबर सेल को जांच के आदेश दे दिए हैं.
क्या होता है डार्क नेट
डार्क नेट इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे आमतौर पर प्रयोग किए जाने वाले सर्च इंजन से एक्सेस नहीं किया जा सकता. इसका इस्तेमाल मानव तस्करी, मादक पदार्थों की खरीद और बिक्री, हथियारों की तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों में किया जाता है.
इंटरनेट के इस स्याह पाताल को कोई ‘डार्क वेब’ कहता है तो कोई ‘डीप वेब’. यहां अवैध हथियारों और ड्रग्स के सौदे होते हैं. यहां आपकी बेहद निजी जानकारी से लेकर चाइल्ड पोर्न तक सब कुछ मंडी के माल की तरह बोली लगाने के लिए सामने पड़ा है. जिसे आप इंटरनेट का संसार मानते हैं वो केवल चार फीसदी है. बाकी 96 फीसदी दुनिया डार्क है.
मुंबई में घटी है नए मामलों की संख्या
गौरतलब है कि अप्रैल और मई महीने में कोरोना वायरस का बुरा प्रकोप झेलने वाले मुंबई में जून महीने में नए मामलों की संख्या में कमी आई है. हालांकि अब महाराष्ट्र के अन्य जिलों में कोरोना के नए मामले तेजी से आ रहे हैं. मुंबई भारत में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर रहा है.
महाराष्ट्र में सबसे बड़ा प्लाज्मा ट्रायल
जून महीने में खबरें आई थीं कि महाराष्ट्र में दुनिया का सबसे बड़ा प्लाज्मा ट्रायल होने जा रहा है. राज्य सरकार का मेडिकल एजुकेशन एंड ड्रग डिपार्टमेंट इस ट्रायल को लीड कर रहा है. इस ट्रायल के जरिए प्लाज्मा थेरेपी का प्रभाव जानने की कोशिश की जाएगी. इस ट्रायल को अनुमति ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दी है.
ये ट्रायल राज्य के 17 मेडिकल कॉलेज और बीएमसी के अंतर्गत चार मेडिकल कॉलेजों में किया जाएगा. कुल 21 कॉलेजों में इसका ट्रायल किया जाएगा. इस ट्रायल के दौरान कोरोना वायरस के गंभीर रोगियों का इलाज भी किया जाएगा. गौरतलब है कि कई रिसर्च के दौरान प्लाज्मा थेरेपी कोरोना के मरीजों के लिए सबसे सटीक इलाज बनकर उभरी है.
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