महासमुंद। बस संचालन शुरु हुए पांच दिन हो गए है, लेकिन यात्रियों का टोटा अभी भी है। पाचं से छह यात्रियों को ही लेकर बसें विभिन्न रूटों में रवाना हो रही है। कोरोना संक्रमण का डर अभी भी लोगों में है, इसमें लिए बसों में यात्रा नहीं करने से लोग कतार रहे हैं। इधर, सरकार भी बस ऑपरेटरों के लिए योजना नहीं बनाई है। ऑपरेटरों को प्रतिदिन पांच से छह हजार खर्च कर बसों को चलाना पड़ रहा है।
ऑपरेटरों की मांग भी अभी तक सरकार ने नहीं मांगा है। पूर्व में तय किए गए किराये से ही बसों का संचालन हो रहा है। वर्तमान में डीजल की कीमत 78 रूपये प्रतिलीटर है। बस ऑपरेटर संघ के जिलाध्यक्ष राकेश चंद्राकर ने बताया कि यदि यात्रियों का टोटा आने वाले दिनों ऐसे ही रहा तो, रूटो पर चल रहे बसों को भी खड़ा करना पड़ सकता है।
ज्ञात हो कि सरकार ने तीन जुलाई की रात बसों को संचालन के आदेश दिए थे। जिस पर ऑपरेटरों ने पहले चरण में 10 प्रतिशत बसे चलाने की बात कहीं थी।
इसके बाद चार जुलाई से विभिन्न रूटों में बसों को चलाया गया, लेकिन पहले दिन एक भी यात्री नहीं होने के कारण बसों को खड़ा करना पड़ा था। वहीं दूसरे व तीसरे दिन चार से पांच यात्री ही मिले, लेकिन प्रचार-प्रसार के कारण ऑपरेटरों को बसा चलाना पड़ा। पांचवे दिन भी स्थिति इसी प्रकार है।
प्रतिदिन हो रहे पांच हजार खर्च
बस क्रमांक सीजी 06 जीके 6991 के परिचालक धनेश सिंह ने बताया कि सुबह से शाम तक रायपुर से महासमुंद चार ट्रीप मार चुके हैं, लेकिन प्रत्येक ट्रीप में केवल चार से पांच ही लोगों ने यात्रा की है। उन्होनें बताया कि प्रतिदिन पांच हजार खर्च हो रहे है, लेकिन डीजल खर्च भी नहीं निकल पा रहा है।
हालात को देखते हुए बसों को फिर से खड़ी करनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार भत्ता देगी, तभी राहत मिल सकती है। रायपुर रूट के साथ-साथ राजिम, बागबाहरा व सरायपाली रूट के हालात भी इसी प्रकार है।
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