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ग्राहकों को कम दरें ऑफर की तो भरना पड़ेगा 50 लाख का हर्जाना, आखिर क्यों

नई दिल्ली। ग्राहकों को लुभाने और प्रतिस्पद्र्धी ऑपरेटरों को बाजार से बाहर करने की नीयत से लागत से भी नीची दरें पेश करने वाले टेलीकॉम ऑपरेटरों पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से शुक्रवार को जारी नवीनतम टेलीकॉम (63वां संशोधन) टैरिफ आर्डर, 2018 में इसका प्रावधान किया गया है। आर्डर के अनुसार किसी टेलीकॉम आपरेटर को अपनी दरें तय करते वक्त पारदर्शिता के अलावा भेदभाव रहित तथा गलत तरीके से बाजार हड़पने की मंशा से दूर रहने के सिद्धांतों का पालन करना होगा। ऐसा न करने पर वाले ऑपरेटरों पर अपराध की श्रेणियों के अनुसार आर्थिक दंड लगाया जाएगा। यदि कोई टेलीकॉम आपरेटर प्रीडेटरी अर्थात दूसरी कंपनियों को बाजार से हटाने की मंशा से लागत से भी कम दरें ऑफर करता है तो उस पर प्रति टैरिफ प्लान व प्रति सर्विस एरिया के हिसाब से 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही उक्त दर या दरों पर रोक भी लगाई जा सकती है। यही नहीं, यदि कोई सेवा प्रदाता किसी नई दर या दर में बदलाव के बारे में ट्राई को सात दिन के भीतर सूचित करने में विफल रहता है तो उस पर रोजाना पांच हजार रुपये के हिसाब से अधिकतम दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

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