जानिए पीएनबी का इतिहास, महात्मा गांधी सहित और किन-किन के थे एकाउंट

11 हजार करोड़ रुपए के महाघोटाला सामने आने के बाद पंजाब नेशनल बैंक की चर्चाओं हर ओर हो रही है। पर क्या आप जानते हैं कि इस बैंक का इतिहास 122 साल पुराना है। और इसकी पहली ब्रांच 1900 में लाहौर के बाहर कराची-पेशावर (अब पाकिस्तान) में खोली थी। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक इस ब्रांच को शुरू करवाने मेें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लाला लाजपत राय का बड़ा योगदान रहा। उस वक्त लाला लाजपत राय के साथ स्वदेशी अभियान से जुड़े दयाल सिंह मजीठिया, पंजाब के पहले उद्योगपति लाला हरकिशन लाल, काली प्रसन्न रॉय, पारसी उद्योगपति ईसी जेस्सावाला, मुल्तान के रईस प्रभु दयाल, जयशी राम बक्शी और लाला डोलन दास ने बैंक की नींव रखी। बैंक में महात्मा गांधी समेत लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, जवाहरलाल नेहरु, जलियांवाला बाग कमेटी के भी खाते थे।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक यह बैंक पूरी तरह से भारतीय पूंजी के साथ शुरू हुआ था। उस वक्त 14 मूल शेयर धारकों और 7 निदेशकों ने बहुत ही कम शेयर लिए। इसके पीछे वजह यह थी कि बैंक आम लोगों की पहुंच में हो और इसका कंट्रोल दूसरे शेयर धारकों के पास रह सके। पंजाब नेशनल बैंक का राष्ट्रीयकरण सबसे पहले 1969 में अन्य बैंकों के साथ हुआ था। आज बैंक की ब्रांचेस ब्रिटेन, हांगकांग, काबुल, शंघाई और दुबई में भी है। आज पंजाब नेशनल बैंक के कुल 10 करोड़ खाताधारक हैं।