कम उम्र में होने लगे हैं सफेद बाल तो जान लें इसके पीछे की वजहें, बाकी बालों को बचा पाएंगे आप

आपने भी किसी फिल्म या टीवी सीरियल में किसी बुजुर्ग को ये डायलॉग बोलते हुए जरूर सुना होगा कि ”मैंने ये बाल धूप में सफेद नहीं किए हैं.” दरअसल पहले बाल सफेद होने का मतलब उस व्यक्ति की लंबी उम्र से होता था. लेकिन आज के दौर में बहुत ही छोटी उम्र में लोग सफेद बालों की समस्या का शिकार हो जाते हैं. आपने कई युवाओं के सफेद बालों को देखा होगा. यहां तक कि कई बार 13, 14 से 16 साल के टीनएजर्स के भी बाल सफेद होने लगते हैं. जबकि कई लोगों के 50 की उम्र तक भी बाल सफेद नहीं होते. आज हम इस खबर में आपको यही बताएंगे कि क्यों आजकल कम उम्र में ही लोगों के बाल सफेद होने लगे हैं.
क्यों होते हैं बाल सफेद
बालों की समस्याओं पर लंबे समय से रिसर्च कर रहे अमेरिका के कुछ त्वचा विशेषज्ञों ने बताया कि जब रंग बनाने वाली कोशिकाएं पिगमेंट बनाना बंद कर देती हैं तो बाल सफेद होने लगते हैं. इसके अलावा कई बार बालों में प्राकृतिक हाइड्रोजन पैराक्साइड भी जमा होने लगता है जिसकी वजह से बाल सफेद हो जाते हैं. आमतौर पर श्वेत लोगों में 35 की उम्र के आसपास सफेद बालों की समस्या शुरू हो जाती है. एशियाई लोगों में 30 की उम्र के खत्म होने तक और अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों में 45 के बाद सफेद बालों की समस्या शुरू होती है. इन सभी इलाकों के लगभग 50 फीसदी लोगों के बाल 50 की उम्र तक काफी हद तक बाल सफेद हो जाते हैं. अगर इनमें श्वेत लोगों में 25 से 30 की उम्र, एशियाई लोगों में 30 से 35 की उम्र और अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों में 35 से 38 की उम्र तक बाल सफेद होने लगें तो इसे प्रिमैच्योर हेयर कहा जाता है.
क्या कहती हैं रिसर्च
इस रिसर्च में सामान्य धारणा के विपरीत तनाव और सफेद बालों के बीच संबंध नहीं पाया गया. हालांकि वैज्ञानिक खुद इस बात को स्पष्ट नहीं कर पाए कि क्यों कुछ लोगों के बाल जल्दी सफेद हो जाते हैं और कुछ के नहीं. लेकिन उनका मानना है कि इसमें आनुवांशिकी का एक बड़ा योगदान है. इसके अलावा विटामिन बी-12 की कमी या आपकी पिट्यूटरी या थायरॉयड ग्लैंड की बीमारी भी बालों के सफेद होने का कारण हो सकती है. ये बीमारी के इलाज के बाद ठीक भी हो सकती हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि हमारा इम्यून सिस्टम भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है. वहीं, पोषण की कमी से भी बाल सफेद होने का एक फैक्टर है.
बालों को कैसे बचाएं
आंवला और मेथी के बीज बालों को सफेद होने से रोकते हैं और उन्हें पोषण भी देते हैं. मेथी के बीज और शुद्ध आंवले के तेल से बाल मजबूत होते हैं और उन्हें सफेद होने से भी बचाया जा सकता है. इसके अलावा आप अपनी डाइट में भी आंवला शामिल कर सकते हैं. इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी का सेवन भी बालों की सेहत के लिए अच्छा है.
नेचुरल हेयर कलर
प्राकृतिक हेयर कलर का इस्तेमाल बालों के लिए अच्छा माना जाता है. मेहंदी नेचुरल हेयर कलर है. आप सिर्फ मेहंदी अपने बालों में लगाकर उन्हें शानदार रंग दे सकते हैं. इसके साथ ही आप चाहें तो उसमें आंवला, भृंगराज, ब्राह्मी आदि कई जड़ी-बूटियों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.
करी पत्ता और नारियल तेल
करी पत्ता और उसका तेल भी सफेद बालों को बढ़ने से रोकता है. इसमें कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स के अलावा शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो बालों को मजबूत करते हैं और सफेद होने से रोकते हैं. नारियल का तेल कलर पिगमेंट को सुरक्षित करने के लिए जाना-जाता है. अगर आप इन दोनों को मिलाकर बालों में लगाते हैं तो इससे आपके बाल बहुत हेल्दी होंगे और उन्हें सफेद होने से भी बचाया जा सकेगा.
क्या सफेद बाल हो सकते हैं काले
आपके जो बाल सफेद हो चुके हैं वो दोबारा काले नहीं हो सकते हैं. हालांकि आप इन पर डाई और कलर कर सकते हैं. आजकल बालों को डाई करना आम हो गया है. लेकिन केमिकल वाले कलर और डाई के ज्यादा इस्तेमाल से बाल खराब हो सकते हैं. इसकी जगह आप प्राकृतिक रंग या सेमी परमानेंट तरीके से अपने सफेद बालों को रंगते हैं तो इनसे आपके बालों को नुकसान नहीं पहुंचेगा.
केमिकल बेस्ड प्रॉडक्ट्स
अगर आप अपने बालों की सेहत अच्छी रखना चाहते हैं तो जितना हो सकें केमिलकल प्रॉडक्ट्स से दूर रहें. केमिकल हमारे बालों की जड़ों में जाकर हेयर फॉलिकल्स को कमजोर करता है जिससे ना सिर्फ हेयरफॉल होता है बल्कि बाल असमय सफेद होने लगते हैं. इनसे बालों का टेक्स्चर भी खराब होता है. इनकी जगह नैचुरल और केमिकल फ्री प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करें.