
रायपुर. राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दूसरे राज्यों से लौटे मजदूरों के साथ ही शहर में भी नए केस मिल रहे हैं। इससे कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा बढ़ रहा है। इसे लेकर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी हैं। पंचायत व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता की बात नहीं है। चिंता कम्युनिटी स्प्रेड की है।
कोरोना पॉजिटिव ज्यादातर लोग प्रभावित क्षेत्रों से आए हैं। सीमा खोलने और ट्रेनें शुरू करने से संक्रमण के आंकड़े बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि वायरस को क्वारेंटाइन सेंटरों से घरों तक नहीं पहुंचने देंगे। उन्होंने अफसरों को हॉट स्पॉट क्षेत्रों से लौटे श्रमिकों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखने कहा। मंत्री सिंहदेव ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पंचायत व स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की समीक्षा के बाद मीडिया से चर्चा में ये बातें कहीं।
समीक्षा के दौरान उन्होंने सभी जिला पंचायतों के सीईओ के साथ गांवों में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर्स की व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने अफसरों से कहा कि क्वारेंटाइन अवधि पूरी करने वाले श्रमिकों के स्वास्थ्य की अच्छी तरह जांच करने के बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति दें। मंत्री ने मजदूरों की स्किल मैपिंग कराने के निर्देश दिए। संदिग्धों के सैंपल जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही छोड़ें। घर लौटने के बाद भी उन्हें होम-क्वारेंटाइन के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाएं।
उन्होंने इसके लिए पंचायत प्रतिनिधियों, नागरिकों, जनगणना कर्मियों और साक्षरता प्रेरकों की टीम बनाने का सुझाव भी दिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग में एसीएस रेणु पिल्ले, प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, सचिव निहारिका बारिक सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कैबिनेट में फेरबदल सीएम का अधिकार
मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाओं पर सिंहदेव ने कहा कि ये मुख्यमंत्री का एकाधिकार है। वरिष्ठ नेता सभी के कामकाज की समीक्षा समय-समय पर करते रहते हैं। जोगी कांग्रेस के कांग्रेस में विलय को लेकर चल रही चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि इस विषय पर पहले भी चर्चा होती रही है। जब-जब जोगी जी गंभीर रूप से बीमार हुए तब-तब ये चर्चाएं हुईं लेकिन फिलहाल निर्णय जैसी कोई स्थिति नहीं है।
वन अधिकार के दावों पर फिर विचार करेगी सरकार
आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि सरकार की मंशा है कि वन अधिकार के सभी निरस्त दावों पर पुनर्विचार कर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए सभी पात्र दावाकर्ताओं को अधिकार पत्र प्रदान किया जाए। डॉ. टेकाम ने वन अधिकार मान्यता अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किए।
ठा. प्यारेलाल पंचायत संस्थान में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यशाला में रायपुर, बेमेतरा व दुर्ग को छोड़कर शेष 25 जिलों में गठित उपखंड स्तरीय समितियों में नवनिर्वाचित और नाम निर्देशित जनपद पंचायत के 97 सदस्य उपस्थित थे। टेकाम ने जनपद पंचायत से कहा कि सरकार इस अधिनियम को गंभीरता से ले रही है। अब तक लगभग 8.46 लाख से अधिक व्यक्तिगत व सामुदायिक में से लगभग 4.47 लाख वन अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके हैं।