
राज्य बनने के बाद यह पहली बार है, जब पांच में से चार पुलिस रेंज में प्रभारी आईजी की पदस्थापना की गई है। एकमात्र रायपुर रेंज में डॉ. आनंद छाबड़ा आईजी हैं। इसके अलावा बस्तर, दुर्ग, बिलासपुर और सरगुजा में डीआईजी रैंक के अफसर को आईजी का प्रभार दिया गया है। ऐसी स्थिति इसलिए बनी है, क्योंकि 10 महीने हो गए, लेकिन अफसरों को प्रमोशन नहीं मिल पाया।
दुर्ग रेंज से पुलिस मुख्यालय में एंटी नक्सल ऑपरेशन की जिम्मेदारी में भेजे गए एडीजी विवेकानंद सिन्हा प्रमोशन के तीन महीने बाद तक दुर्ग रेंज की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। छत्तीसगढ़ कैडर के 112 आईपीएस अफसरों में आईजी रैंक के अब चार अफसर हैं। इनमें दीपांशु काबरा डेपुटेशन पर हैं, जबकि डॉ. छाबड़ा रायपुर रेंज के साथ-साथ इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
इनके बाद 2003 बैच के पांच अफसर हैं, जिन्हें इस साल जनवरी में प्रमोशन मिलना था। इनमें पी. सुंदरराज, ओपी पाल, रतनलाल डांगी, एससी द्विवेदी और आरपी साय हैं। सुंदरराज बस्तर, पाल दुर्ग और डांगी बिलासपुर आईजी की जिम्मेदारी में हैं। द्विवेदी और साय पुलिस मुख्यालय में हैं। 2007 बैच के रामगोपाल गर्ग, जितेंद्र सिंह मीणा, दीपक झा, अभिषेक शांडिल्य, डीके गर्ग और बालाजी राव साेमावार का एसएसपी प्रमोशन होना है।
इनमें रामगोपाल और शांडिल्य डेपुटेशन पर हैं। गृह विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना की वजह से प्रमोशन में देरी हुई। हालांकि तीन महीने पहले जब सिन्हा को एडीजी प्रमोट किया गया था, तब बाकी अफसरों की भी उम्मीद जगी थी, लेकिन उन्हें अब तक इंतजार करना पड़ेगा।
राज्य सेवा के 17 अफसरों को मिलेगा 2010, 11 व 12 बैच
राज्य सेवा के 17 अधिकारियों को करीब तीन साल बाद बैच अलॉट किया गया है। इनमें 1995 बैच के एमआर अहिरे, डीआर आंचला, बीपी राजभानू, गोवर्धन राम ठाकुर व तिलकराम कोशिमा को 2010, 1996 बैच के सरजू राम सलाम, प्रशांत ठाकुर, अजातशत्रु बहादुर सिंह, डॉ. लाल उमेद सिंह को 2011 और 1997 बैच के विवेक शुक्ला, रजनेश सिंह, शशिमोहन सिंह, राजेश कुकरेजा, श्वेता राजमणि व 1998 बैच के राजेश अग्रवाल, विजय अग्रवाल और रामकृष्ण साहू को 2012 बैच मिलेगा। इनमें रजनेश सिंह सस्पेंड हैं।