बिना रजिस्ट्रेशन नहीं बिकेंगे, प्लाट, दुकान और मकान

रेरा अध्यक्ष विवेक ढांड ने कहा चालू प्रोजेक्ट को भी कराना होगा पंजीयन
रायपुर। भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के अध्यक्ष विवेक ढांड ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कह कि रेरा का गठन केंद्रीय अधिनियम के तहत किया गया है। इस प्राधिकरण में अध्यक्ष और 2 सदस्यों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि रेरा कायल एस्टेट सेक्टर का रेगुलेशन करना और रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता व दक्षता लाना है, जिससे उपभोक्ता के हितों का संरक्षण और विवादों का शीघ्र समाधान करना रेरा का प्रमुख उद्देश्य है। विवेक ढांड ने बताया कि प्रत्येक प्रमोटर को ऐसे प्रोजेक्ट्स जिनका प्रस्तावित एरिया 500 वर्गमीटर या अपार्टमेंट और दुकान संख्या 8 से अधिक है, तो उनका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रशन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगें। इसको लेकर चिप्स के माध्यम से वेबसाइट और सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जो कि 15 दिनों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोई भी प्रमोटर रेरा में प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन कराए बिना प्लाट, फ्लैट, दुकान, गोडाउन और भवन आदि का विज्ञापन और विक्रय नहीं कर सकेगा। नए प्रोजेक्ट्स के अलावा चालू प्रोजेक्ट्स जिनमें पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ है, उन्हें भी रिजस्ट्रेशन कराना होगा। प्रमोटर्स को प्रत्येक फेस का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। राजिस्ट्रेशन के लिए प्रमोटर्स नियत शुल्क व दस्तावेज के साथ नियत प्रारूप में आवेदन पत्र और शपथ पत्र प्रस्तुत करेगा। उपभोक्ताओं के अधिकार को संरक्षित करने के उद्देश्य से रेरा का गठन किया गया है। प्रोजेक्ट के प्रकार और आकार अनुसार 2500 से 10 लाख तक का शुल्क नियत है। पूर्ण दस्तावेज प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर रेरा द्वारा रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किया जाएगा। प्रेस वार्ता में अध्यक्ष विवेक ढांड ने प्रमोटर्स के दायित्व और रेरा की शक्तियां न्याय निर्णायक के अधिकार, विधिक प्रतिनिधित्व का अधिकार को विस्तार से समझाया। वहीं प्रोजेक्ट राजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित शुल्क होंगे। रेरा को सिविल कोर्ट के अधिकार प्राप्त है, किसी भी समय बिल्डर्स, प्रमोटर्स या एजेंट्स से पेपर्स प्राप्त कर सकते है। ढॉड ने बताया कि रेरा के अंतर्गत कोर्ट रूम बनाया जाएगा, जहां हर रोज फरियाद सुनी जाएगी। इसमे जो भी वादी होगा उसे स्वयं आने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। वो अपने प्रतिनिधि के रूप में वकील और सीए को भी भेज सकते है। रेरा का उद्देश्य ये नहीं कि चलती हुई गाड़ी को रोक दे। रेरा में हाउसिंग बोर्ड, आरडीए, एनआरडीए भी दायरे में होंगें।