मुंबई। साई जन्मस्थान विवाद सुलझ गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिरडी विवाद को लेकर एक बैठक बुलाई थी, जिसमें शिरडी और पाथरी ग्रामसभा, साईबाबा मंदिर ट्रस्ट के सीईओ शामिल हुए। इस दौरान सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि साईबाबा के जन्मस्थान को लेकर कोई भी विवाद नहीं होगा।
शिरडी से शिवसेना के नेता कमलाकर कोटे ने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ये भी पूछा कि क्या आप विकास का फंड पाथरी को देने के विरोध में हैं।
इसके जवाब में शिरडी के प्रतिनिधि ने कहा कि किसी भी गांव के विकास के लिए फंड देने पर कोई आपत्ति नहीं है. शिरडी धर्मस्थान अब संतुष्ट है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने उनकी सभी मांगें मान ली हैं।
अब 100 करोड़ रुपये का विकास निधि फंड पाथरी गांव को दिया जाएगा। शिरडी धर्मस्थान ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आश्वासन को मान लिया है। कोटे ने बैठक के बाद कहा कि सबका मालिक एक का संदेश चारों ओर फैलाया जाना चाहिए और इस विवाद का अब पटाक्षेप हो गया है। मुख्यमंत्री ने अपने आश्वासन में कहा है कि आगे से साईबाबा के जन्मस्थान को लेकर कोई विवाद नहीं होगा।
दरअसल, साई जन्मभूमि विवाद के चलते रविवार को शिरडी बंद रहा लेकिन ग्रामसभा ने यह बंद रविवार रात 12 बजे के बाद रद्द करने का फैसला लिया था। उद्धव ठाकरे ने 9 जनवरी को औरंगाबाद में साईबाबा के जन्म स्थान पाथरी शहर के लिए 100 करोड़ की विकास निधि देने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री के इस फैसले का शिरडी के लोग विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि पाथरी को लेकर अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो वे कोर्ट जाएंगे।
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