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छत्तीसगढ़: मंत्री गुरू रूद्र कुमार ने कहा…काम की तलाश में किसी को भी बाहर जाने की जरूरत नहीं…घर बैठे मिलेगा काम…ग्रामीण ग्रामोद्योग को जीवन-यापन का जरिया बनाएं…

रायपुर। ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने अधिकारियों से कहा है कि ग्रामोद्योग को ग्रामीणों के जीवन-यापन का जरिया बनाएं। ग्रामीणों को घर बैठे रोजगार मिले इसकी तैयारी करें।

ग्रामोद्योग विभाग की योजनाओं से ग्रामीण स्व-सहायता समूह, बुनकरों एवं शिल्पकारों को अवगत कराएं। काम की तलाश में किसी को भी बाहर जाने की जरूरत ना पड़े इसकी व्यवस्था करें। ग्रामीणों को अपने घर में रोजगार उपलब्ध कराएं।



ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कल ग्रामोद्योग विभाग की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारियों को ग्रामोद्योग को ग्रामीणों के जीवन का आधार बनाने की बात कही।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि गांव और ग्रामीण रोजगार के मामले में आत्म निर्भर बनें तथा ग्रामीणों को उनकी कुशलता और दक्षता के अनुरूप घर बैठे रोजगार उपलब्ध हो सके।



मुख्यमंत्री की इस मंशा को पूरा करने में ग्रामोद्योग विभाग अपनी अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को ग्रामोद्योग विभाग की योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण स्व-सहायता समूह, बुनकरों एवं शिल्पकारों को रोजगार व व्यवसाय से जोडऩे के निर्देश दिए।

मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने लॉकडाउन की अवधि में ग्रामोद्योग विभाग के मार्गदर्शन में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा 2 लाख 60 हजार से ज्यादा की संख्या में मास्क तैयार करने के कार्य की सराहना की।



उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा बुनकरों एवं शिल्पियों को घर बैठे रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। ग्रामोद्योग के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने अधिकारियों को इसको और बढ़ावा देने के निर्देश दिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि हाथकरघा संघ द्वारा 20 बुनकर सहकारी समितियों से 46 लाख 86 हजार रूपए का बाजार में विक्रय योग्य कोसा एवं कॉटन वस्त्र क्रय किया गया है।



विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बुनकर एवं महिला सिलाई समूहों को लॉकडाउन की अवधि में बुनाई एवं सिलाई पारिश्रमिक प्राप्त होने से उन्हें काफी राहत मिली है।

साथ ही संघ द्वारा महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा हाथकरघा वस्त्रों से तैयार 3 लाख से अधिक कॉटन मास्क का विक्रय किया गया है। हाथकरघा संघ के उत्पादन कार्यक्रम के तहत इस अवधि में लगभग पांच हजार 111 बुनकरों द्वारा घर पर ही उत्पादन किया जा रहा है।

इस अवसर पर ग्रामोद्योग विभाग की प्रमुख सचिव डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, सचिव हेमंत पहारे, ग्रामोद्योग संचालक सुधाकर खलखो, खादीग्राम बोर्ड के एमडी अभिनव अग्रवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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