राज्यपाल ने दी मंजूरी… पार्किंग, नर्सिंग होम, कोचिंग सेंटर, सड़क चौड़ीकरण में बाधा नहीं तो ही वैध होंगे भवन…

छत्तीसगढ़ में नियमितीकरण का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रावधानों के विधेयक को राज्यपाल ने हरी झंडी दे दी है। सरकार द्वारा भेजे गए नियमितीकरण संशोधन विधेयक 2022 पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके मुताबिक यदि पार्किंग के लिए आरक्षित जमीन पर निर्माण किया गया हो तो उसे नियमितिकरण की अनुमति तभी दी जायेगी, जब निर्धारित अतिरिक्त राशि जमा की जाएगी।
जनवरी 2011 के पहले के निर्माण जिनमें पार्किंग नहीं है उसमें पार्किंग के लिए नियमानुसार राशि जमा करनी होगी। इसके मताबिक पार्किंग में 25 प्रतिशत कमी होने पर प्रत्येक कार स्थान हेतु पचास हजार रूपये, 25-50 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु एक लाख रूपये,50-100 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु दो लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।
राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण अधिनियम 2002, संशोधन विधेयक को मंजूरी दी है। इसमें पार्किंग, नर्सिंग होम, कोचिंग सेंटर, सड़क चौड़ीकरण में बाधित भवन आदि शामिल हैं। इस विधेयक को आगामी मानसून सत्र में मंजूरी दी जाएगी। राजपत्र में प्रकाशित होते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
विधानसभा के मानसून सत्र में मिलेगी मंजूरी
बताया गया है कि राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद अब इस विधेयक को विधानसभा के मानसून सत्र में मंजूरी दी जाएगी। इसका राजपत्र में प्रकाशन होते ही लागू माना जाएगा। विधेयक में 2002 व 2006 में छूट गए अवैध निर्माण भी शामिल किए गए हैं। इससे लोगों को काफी राहत मिलने की संभावना है। इसके अलावा निकायों के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। इस आमदनी से सार्वजनिक पार्किंग बनाए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण अधिनियम के स्थान पर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग का जिले का प्रभारी अधिकारी, संयुक्त संचालक, उपसंचालक, सहायक संचालक किया गया हैै। साथ ही नो प्राफिट नो लाॅस वाली सामाजिक संस्थाओं के अनधिकृत विकास के लिए 50 पचास प्रतिशत की दर से भुगतान किया जा सकेगा।
सड़क चौड़ाई उपलब्ध नहीं होने के कारण स्थल पर लाेगों को प्रभाव न पड़े तो नियमितीकरण किया जा सकेगा। भूमि का उपयोग परिवर्तन करने पर उस क्षेत्र की भूमि के लिए कलेक्टर गाइड लाइन दर का 5 प्रतिशत अतिरिक्त लिया जाएगा।
पार्किंग के लिए इस तरह शुल्क
500 वर्गमीटर तक आवासीय क्षेत्र में पार्किंग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान के आधार पर निरंक होगी, जबकि 500 से अधिक क्षेत्र होने पर पार्किंग के लिए उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान के आधार पर 50 प्रतिशत होगी।
इसी तरह गैर आवासीय क्षेत्र में भी पार्किंग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान के आधार पर निरंक होगी। जबकि 500 से अधिक होने पर न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान (ईसीएस) के आधार पर 50 प्रतिशत होगी।