रायपुर। दिल के दौरे के बाद दिल का दीवार फटने से 100 में से 89 मरीजों की मृत्यु निश्चित रहती है। लेकिन अंबेडकर अस्पताल चिकित्सालय के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में शनिवार को कार्डियक कैथ लैब में 40 वर्षीय मरीज के दिल के दौरे के बाद दिल की दीवार के फटने का बिना चीर फाड़ के बटन द्वारा इलाज किया गया।
इस मरीज को गत महीने हार्ट अटैक आने के बाद दिल की दीवार में 10 मिलीमीटर का सुराख बन गया था जिसका एडवांस कार्ड एक इंस्टिट्यूट के कैथ लैब में डॉ स्मित श्रीवास्तव ने एंजियोग्राफी द्वारा निदान किया गया था। भर्ती के दौरान इस मरीज की हृदय की गति एक बार तो थम गई थी जिसे जीवन रक्षक प्रयत्नों के बाद शुरू किया गया था।
इस जटिल ऑपरेशन के लिए कार्डियोथोरेसिक विभाग, मेडिसिन विभाग और ब्लड बैंक के साथ मिलकर तैयारी की गई थी। संयोग से नई दिल्ली ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के प्रोफेसर रामा कृष्णा राजधानी में कार्डियोलॉजी की कॉन्फ्रेंस में सम्मिलित होने हुए आए थे।
उन्होंने पीजीआई चंडीगढ़ के प्रोफेसर डॉ मनोज कुमार रोहित एवं एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट मेडिकल कॉलेज रायपुर के कार्डियोलॉजी के विभाग अध्यक्ष डॉ स्मित श्रीवास्तव के साथ ऐसे दुर्लभ और जटिल कार्डियक इंटरवेंशन द्वारा दिल की फटी दीवार का बटन डिवाइस से बंद करने की प्रक्रिया में साझेदारी की।
वेंट्रिकुलर सेप्टल दीवार का फटना क्या है:-दिल का दौरा पडऩे के बाद दिल की वेंट्रिकुलर सेप्टल दीवार का फटना एक विनाशकारी जटिलता बनी हुई है। ओपन हार्ट सर्जरी निश्चित उपचार है, लेकिन यह चुनौतीपूर्ण है और उच्च गुणवता और मृत्यु दर के साथ जुड़ा हुआ है।
कार्डियक कैथ लैब में मैकेनिकल सपोर्ट और पर्क्यूटेनियस बटन क्लोजर की उपलब्धता ने उपचार प्रतिमान को काफी बदल दिया है।थक्का घुला देना वाली इंजेक्शन की अभाव में दिल के दौरे के 1 से 3 प्रतिशत रोगियों में दिल की वेंट्रिकुलर सेप्टल दीवार का फटना (वीएसआर) होता है और 0.2 प्रतिशत से 0.3 प्रतिशत रोगियों में जो थक्का घुला देना वाली इंजेक्शन फाइब्रिनोलिटिक थेरेपी प्राप्त करते हैं।
दिल की वेंट्रिकुलर सेप्टल दीवार का फटना (वीएसआर) की दुर्लभता के परिणामस्वरूप इसका निदान और उपचार में चिकित्सा और सर्जिकल विशेषज्ञता की कमी होती है।दिल की दीवार का दिल के दौरे में फटने का कारण दिल की नस का संपूर्ण ब्लॉकेज होता है बड़ी उम्र महिलाओं में अधिक ब्लड प्रेशर वाले मरीजों में जिन मरीजों को खून के थक्का घोलने का इंजेक्शन नहीं लगा हो अथवा देर से लगा हो उनमें ज्यादा पाया जाता है दिल की दीवार के फटने वाले मरीजों का जीवन बहुत खतरे में होता है और उनकी मृत्यु होने की संभावना बहुत अधिक होती है लगभग 1 वर्ष में 90 परसेंट से ज्यादा ऐसे मरीज मृत्यु को प्राप्त होते हैं ।
ओपन हार्ट सर्जरी ऐसे मरीजों के लिए जीवन संजीवनी हो सकती है किंतु उनकी गंभीर हालत विषम परिस्थिति ओपन हार्ट सर्जरी के लिए काफी जटिल होती है ऐसी परिस्थितियों में बिना चीर फाड़ के एंजियोग्राफी विधि से हार्ड की दीवार के सुराग को बटन द्वारा बंद किए जाने के प्रक्रिया से मरीज की जान बचाने का प्रयास किया जा सकता है।
ऐसी विषम परिस्थितियों में जैसे इन एवं एक्स्ट्रा कॉरपोरियल मेंब्रेन ऑक्सिजनेटर मशीन द्वारा आर्टिफिशियल हार्ड जैसा रक्त संचार को सुचारू रखने में सहयोग प्राप्त किया जा सकता है एडवांस कार्ड एक इंस्टिट्यूट के नवीन संरचना में ऐसे अत्याधुनिक मशीनों की स्थापना भी प्रस्तावित है जिससे ऐसे कठिन और जटिल मरीजों की जीवन रक्षा की जा सके ऐसे कठिन और गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के विभिन्न विभागों के आपसी सहयोग और तालमेल से ही असमय मृत्यु से बचाया जा सकता है।
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