
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कुछ ऐप्स, वेबसाइट्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की है. खबर है कि इन इंटरनेट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल जारी विधानसभा चुनाव में माहौल बिगाड़ने की कोशिश का शक था.
बीते सप्ताह ही भारत सरकार ने चीन से जुड़े 54 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था. पांच राज्यों में से केवल उत्तर प्रदेश और मणिपुर में मतदान प्रक्रिया बाकी है. भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी कार्यक्रम के अनुसार, 10 मार्च को मतगणना होगी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विदेश आधारित ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ की ऐप, वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट पर विधानसभा चुनाव के दौरान कथित तौर पर जन व्यवस्था बिगाड़ने के लिए एक ऑनलाइन मंच का इस्तेमाल करने की कोशिश के सिलसिले में मंगलवार को रोक लगा दी.
यह प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) से संबद्ध है. एसएफजे को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान जन व्यवस्था बिगाड़ने के लिए चैनल द्वारा ऑनलाइन मीडिया का उपयोग करने की खुफिया जानकारी के आधार पर, मंत्रालय ने 18 फरवरी को प्रौद्योगिकी नियमों के तहत आपात शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ के डिजिटल मीडिया मंचों पर रोक लगा दी.’
मंत्रालय ने बताया कि अवरुद्ध ऐप, वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट की सामग्री सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने, अलगाववाद को भड़काने वाली थी. उन्हें भारत की संप्रभुता एवं अखंडता, राज्य की सुरक्षा तथा सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक पाया गया.
मंत्रालय ने कहा, ‘ पाया गया कि चल रहे चुनाव के दौरान नए ऐप जारी किए गए और नए सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए…भारत सरकार, भारत में समग्र सूचना वातावरण को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क एवं प्रतिबद्ध है और भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को कमजोर करने की क्षमता वाले किसी भी कृत्य को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध है.’
भारत ने बीते सोमवार को चीन से संबंध रखने वाले 54 मोबाइल ऐप को सुरक्षा एवं निजता से जुड़ी चिंताओं के आधार पर प्रतिबंधित कर दिया जिनमें टेंसेंट एक्सराइवर, नाइस वीडियो बायडु, वीवा वीडियो एडिटर और गेरेना फ्री फायर इल्युमिनेट भी शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक प्रतिबंधित किए गए 54 चीनी ऐप ने कथित तौर पर उपयोगकर्ताओं से अहम मंजूरियां हासिल कर उनसे संवेदनशील जानकारियां जुटाईं. ये ऐप उपयोगकर्ताओं से जुटाई गई जानकारियों का दुरुपयोग कर रहे थे और उसे विरोधी देश में स्थित सर्वरों को भेज रहे थे.