द्रयान-2 वर्तमान में बीते मंगलवार से चांद की ओर जाने के लिए अपने स्थानांतरण वाले प्रक्षेपवक्र में है। अब यान के तरल ईंधन वाले इंजन को शुरू किया जाएगा ताकि इसे चंद्रमा की कक्षा के अंदर प्रवेश दिलाया जा सके।
भारत का दूसरा चंद्र अन्वेषण मिशन चंद्रयान-2 अब चंद्रमा के और करीब पहुंच रहा है। इस यान ने पहले ही धरती को कक्षा को बीते बुधवार को ही छोड़ दिया था। ऐसे में अब यान को चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने में एक—दो दिन यानि मंगलवार 20 अगस्त तक का ही समय लगने वाला है। इसके बाद 7 सितंबर को यह चांद की सतह पर उतरेगा।
22 जुलाई को चंद्रयान-2 लॉन्च होने के बाद से ही अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा में ही घूम रहा था। दरअसल यह एक-एक कर और ऊंची कक्षा में प्रवेश करने की श्रृंखला का हिस्सा था। इसके तहत अंतरिक्ष यान ने 23 जुलाई से 6 अगस्त कर धरती की कक्षा में कुल जमा पांच बार अपने से आगे वाली कक्षा प्रवेश किया और आगे बढ़ा।
इस सप्ताह के के अंत तक चंद्रयान ने धरती की कक्षा को छोड़ने से पहले सफलतापूर्वक अंतिम रूप से आखिरी कक्षा में चक्कर पूरा कर लिया। यहां तक कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो तो अगस्त महीने की शुरूआत में चंद्रयान के माध्यम से ली गई धरती की तस्वीरें तक जारी कर चुका है।
एक बार चंद्रयान-2 के स्थानांतरण वाले प्रक्षेपवक्र से चांद को ओर आगे बढ़ जाने के बाद अपने अगले चार चरण में प्रवेश करेगा। जहां यान चांद तक पहुंचने के लिए अंतिम रूप से उसकी चार कक्षाओं में चक्कर काटेगा। 21 अगस्त से लेकर 1 सितंबर तक इसी तरह के क्रम का अनुसरण करते हुए यान चांद की अंतिम कक्षा में प्रवेश करेगा।
एक बार यान के चांद की अंतिम कक्षा में प्रवेश कर जाने के बाद 2 सितंबर को यह अपने साथ ले जाए गए लैंडर विक्रम को छोड़ देगा। इसके बाद विक्रम लैंडर चांद के दो चक्कर काटने के बाद 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा।
यह भी देखें :
Ind vs WI A अभ्यास मैच: पुजारा ने ठोका शतक… ये खिलाड़ी रहे फ्लॉप…
Add Comment