
नई दिल्ली। बैंक ग्राहकों के लिए यह खुशखबरी है कि अब प्रबंधन अपने हिसाब से बैंकों के खुलने का समय तय नहीं कर सकेगा, उसे अपने ग्राहकों की सुविधा के हिसाब से खुलने व बंद होने का समय निर्धारित करना होगा। बैंक खुलने का वक्त अब जल्दी भी हो सकता है और देरसे भी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह फैसला सभी सरकारी व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर लागू होगा। वित्त मंत्रालय के बैंकिंग डिविजन ने देशभर के सरकारी बैंकों के खुलने के समय को एक समान करने के लिए गत 10 जून को इस पर चर्चा की थी। यह चर्चा वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए की गई थी।
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि इन बैंकों के खुलने का समय प्रबंधन के आधार पर नहीं, बल्कि ग्राहकों की सुविधा के आधार पर तय होना चाहिये। इसी को ध्यान में रखते हुए बैंकों शाखाओं में खुलने के समय को तय किया गया।
इंडियन बैंक एसोसिएशन के सीईओ वीजी कन्नन के मुताबिक, इन सभी सरकारी बैंकों को सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे, 10 बजे से 4 बजे और 11 बजे से 5 बजे के तीन स्लॉट्स का सुझाव दिया गया है। इन बैंकों के अलग-अलग स्लॉट्स भी हो सकते हैं।
मूल बात यह है कि एक ही क्षेत्र में एक बैंक सुबह 8 बजे खुले और दूसरा 10 बजे नहीं खुलना चाहिये। इससे ग्राहकों में भ्रम की स्थिति रहेगी। आवासीय क्षेत्रों में बैंक सुबह 8 बजे भी खुल सकते हैं या फिर देर शाम तक भी, लेकिन, इनमें एकरूपता होनी चाहिये।
वर्तमान में कई कॉमर्शियल बैंक सुबह 10.30 से लेकर 11 बजे के बीच खुलते हैं। कन्नन ने आगे कहा कि बैंकों को जिला स्तरीय समन्वय समिति में यह चर्चा करना होगा और क्षेत्र के आधार पर खुलने का समय तय करना होगा। हालांकि, एक ही क्षेत्र में मार्केट, आवासीय और बिजनेस के आधार पर अलग-अलग समय भी तय हो सकते हैं।
आईबीए ने बैंकों से कहा है कि 31 अगस्त तक इसे तय कर इसकी सूचना स्थानीय समाचार पत्र में भी दिया जाना चाहिये। एक अधिकारी के मुताबिक, इन सरकारी व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के खुलने का समय सितंबर माह से अमल में लाया जा सकता है।
इसके लिए सभी शुरुआती कार्य पूरे किए जा चुके हैं। अब केवल जिला स्तरीय समन्वय समिति तय करेगी कि वे अपने ग्राहकों के आधार पर किस समय को चुनती है।
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