नई दिल्ली। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, भारत का अभिन्न अंग है।
जब भी मैं जम्मू-कश्मीर कहता हूं तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और अक्साई चीन भी इसके अंदर आता है। क्या कांग्रेस पीओके को भारत का हिस्सा नहीं मानती है। हम इसके लिए जान दे देंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को अनुच्छेद 370 को हटाने वाले विधेयक को लोकसभा में पेश किया। जिसपर तीखी बहस जारी है। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने नियमों का उल्लंघन करते हुए रातोंरात एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है।
जिसपर शाह ने उसने पूछा कि वह बताएं कौन का नियम तोड़ा गया है। वहीं श्रीनगर में इस समय धारा 144 लागू है। जरूरी काम के लिए लोग बाहर निकल रहे हैं और क्षेत्र में शांति के साथ सामान्य स्थिति बनी हुई है।
दुनिया देख रही है, शांति से करें चर्चा
गृहमंत्री ने पुनर्गठन बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के लिए दो केंद्र शासित प्रदेश लेकर आ रहे हैं जिसमें लद्दाख और जम्मू कश्मीर होंगे। जम्मू-कश्मीर मे विधानसभा होगी और वहां चुना हुआ मुख्यमंत्री काम करेगा। मैं हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हूं आप इसपर चर्चा कीजिए। हम शांत माहौल में चर्चा चाहते हैं क्योंकि घाटी सहित देश और दुनिया हमें देश रही है।
विपक्ष जो पूछेगा उसका जवाब देंगे
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष जो पूछेगा उसका हम जवाब देंगे लेकिन मुझे अपनी बात रखने दीजिए। धारा 373 (3) का प्रयोग करके राष्ट्रपति इसे सीज कर सकते हैं लेकिन राष्ट्रपति तभी ये अधिसूचना निकाल सकते हैं जब जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की अनुशंसा हो।
कांग्रेस इस प्रावधान का उपयोग 1952 और 1955 में कर चुकी है। महाराजा के लिए पहले सदर-ए-रियासत और फिर 1965 में इसे गवर्नर किया गया। जम्मू कश्मीर में विधानसभा नहीं चल रही है और ऐसे में इसी संसद में जम्मू-कश्मीर के सारे अधिकार निहित हैं।
स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा आज का दिन
गृह मंत्री ने कहा कि आज सदन जिसपर विचार कर रहा है वह प्रस्ताव और विधेयक भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। राष्ट्रपति ने कल एख संवैधानिक आदेश जारी किया है जिसके तहत भारत के संविधान के सारे अनुबंध जम्मू-कश्मीर में लागू होंगे।
साथ ही कश्मीर को मिलने वाले विशेष अधिकार भी नहीं रहेंगे और मैं पुनर्गठन बिल लेकर आया हूं। जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसपर कोई कानूनी या संवैधानिक विवाद नहीं है। जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 370 (सी) में इस बात का जिक्र है। संसद कश्मीर पर कानून बनाने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। हम राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद संकल्प लेकर आए हैं।
जम्मू और कश्मीर भारत का हिस्सा
कांग्रेस को जवाब देते हुए शाह ने कहा-जम्मू और कश्मीर भारतीय संघ का अभिन्न हिस्सा है। कश्मीर की सीमा में पीओके भी आता है। जान दे देंगे इसके लिए। मैंने सदन में जब जब जम्मू और कश्मीर राज्य बोला है तब-तब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अकसाई चीन दोनों इसका हिस्सा हैं।
संसद को जम्मू-कश्मीर पर कानून बनाने का अधिकार है। कोई हमें कानून बनाने से नहीं रोक सकता। दोनों हिल काउंसिल अस्तित्व में रहेंगे। हिल काउंसिल के सदस्यों को मंत्री का दर्जा मिलेगा।
अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया बिल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने का लोकसभा में संकल्प पेश किया। जिसपर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, मुझे नहीं लगता कि आप पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) के बारे में सोच रहे हैं, आपने सभी नियमों का उल्लंघन किया और एक राज्य को रातोंरात केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया।
संसद भवन में पीएम कोर गु्रप की बैठक
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद भवन में प्रधानमंत्री कोर ग्रुप की बैठक हो रही है। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, नितिन गडकरी समेत कई मंत्री मौजूद रहे। माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा हुई। यह बैठक अब खत्म हो चुकी है।
कश्मीर के हालात
धारा 370 के हटने के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और नेशनल कॉफ्रेंस विधेयक का विरोध कर रही है। यही वजह है कि उन्हें फिलहाल हिरासत में रखा गया है। उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती को सोमवार देर रात को हिरासत में लेकर गेस्ट हाउस में रखा गया है। घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा चाक-चौबंद कर दी गई है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
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