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छत्तीसगढ़ : स्कूलों में शिक्षकों के ‘मोबाईल’ इस्तेमाल पर सख्त हुए कलेक्टर साहब…जारी किया ये फरमान…

राजनांदगांव। कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने स्कूलों में अध्यापन के समय शिक्षकों द्वारा मोबाईल के उपयोग को हतोत्साहित करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए हैं। कलेक्टर ने इस संबंध में परिपत्र जारी परिपत्र जारी कर दिया है।

परिपत्र में कहा गया है कि स्कूलों में आपात स्थिति में ही मोबाईल का उपयोग किया जाए। स्कूलों के प्राचार्यों और प्रधानपाठकों के पास शिक्षकों के मोबाईल जमा कर दिया जाए। अध्यापन कार्य समाप्ति के बाद मोबाईल संबंधित शिक्षकों को वापस किया जाए।

परिपत्र में कहा गया है कि कलेक्टर जनदर्शन, समक्ष भेंट तथा स्कूलों के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान कुछ शिक्षकों के संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही है कि उनके द्वारा पढ़ाई के समय मोबाईल का उपयोग किया जाता है।



परिपत्र में यह भी कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक स्कूल समय निर्धारित किया गया है। शिक्षकों की निर्धारित समय में स्कूलों में उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

निर्धारित समय में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के संबंध में ग्राम पंचायतों से नियत व्यक्तियों की सूचना अथवा अन्य न्नेतों से जानकारी मिलने पर विकासखंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से संबंधित शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्रवाई की जाए। 
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स्कूलों में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति की जिम्मेदारी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों और सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारियों की होगी। स्कूलों में तिमाही और छहमाही परीक्षा से पहले कितना पाठ्यक्रम पूरा किया जाना है।

इससे सभी शिक्षकों को अवगत कराया जाए। पाठ्यक्रम पूरा नहीं करने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। यदि कोई शिक्षक अवकाश पर जाते हैं तो भी पाठ्यक्रम पूरा करने की जिम्मेदारी उन्हीं की होगी।

परिपत्र में कहा गया है कि लैंगिक उत्पीडऩ रोकने के संबंध में स्कूलों में सतर्कता बरती जाए। इस संबंध में कोई शिकायत या जानकारी मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी जाए। जिला प्रशासन को भी इस संबंध में अवगत कराया जाए। यदि कोई शिक्षक इस तरह कृत्य में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ तत्काल वैधानिक कार्रवाई की जाए।

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