जगदलपुर। पिछले चार दिनों से बस्तर में मूसलाधार बारिश हो रही है। लगातार बारिश से बस्तर पानी-पनी हो गया है। नदी नाले उफान पर है। जिसके चलते कई स्थानों से सड़क संपर्क कट गया है।
सुकमा एवं बीजापुर जिले की नदियों में बाढ़ का पानी पुल के ऊपर बहने से सैकड़ों गांवों से आवागमन बंद हो गया है। संभाग मुख्यालय की निचली बस्तियों में पानी भर जाने से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। दो दिनों से बस्तरवासियों ने सूर्य देवता के दर्शन नहीं किए हैं।
बीजापुर जिला मुख्यालय से आंध्रप्रदेश मार्ग पर तारलागुड़ा में पुल पर बाढ़ का पानी पुल से 3 फीट ऊपर बह रहा है, जिससे पुल के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई है। इधर बीजापुर से बासागुड़ा मार्ग पर तालपेरू नदी का पानी पुल पर से 4 फीट ऊपर बह रहा है, जिससे इस मार्ग पर भी यातायात ठप हो गया है।
सुकमा जिले में दंतेवाड़ा मार्ग पर स्थित गादीरास में मलांगिर नदी का पानी पुल के ऊपर बह रहा है, जिससे गादीरास का 10 पंचायतों से सड़क संपर्क कट गया है। संभाग के कांकेर, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा एवं बस्तर जिले के सभी नदी नाले उफान पर हैं। इंद्रावती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी के किनारे बसे ग्रामवासियों को प्रशासन द्वारा सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
दंतेवाड़ा जिले के बचेली नगर में बीती रात एक मकान ढह गया। हालांकि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई। कोंटा में हालांकि शबरी नदी के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर ऐहतियात बरतते हुए कोंटावासियों को सतर्क कर दिया गया है।
मौसम वैज्ञानिक एमपी चंद्रा ने आगामी 24 घंटों तक भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है। झमाझम बारिश से तापमान में अत्यधिक गिरावट आई है। बस्तर का तापमान 31 डिग्री से लुढ़ककर 24 डि. से. हो गया है। एक जून से अब तक बस्तर में 550 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
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