रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को शून्यकाल में सदन में विपक्ष ने किसानों की कर्ज मांफी और बिजली कटौती का मुद्दा उठाया। इस पर सदन का माहौल गरमा गया। पक्ष ने विपक्ष को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि फर्जी आरोप लगाना बन्द करो।
वहीं विपक्ष ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाया और सदन की कार्रवाई स्थगित कर इस पर चर्चा करने की मांग की। इसके बाद पक्ष-विपक्ष के विधायकों के बीच खूब हंगामा व नारेबाजी हुई। भाजपा और जनता कांग्रेस के विधायक नारेबाजी करते हुए वेल पर आ गए।
जिसके बाद उन्हें सभापति सत्यनारायण शर्मा द्वारा निलंबित किया गया। डॉ.रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर समेत कई विधायकों को निलंबित किया गया।
जिसके बाद वेल पर बैठ विपक्ष के विधायक सरकार के खिलाफ किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी कर रहे हैं। वहीं अटानी जनरल नियुक्ति पर विपक्ष ने निंदा प्रस्ताव लाकर चर्चा कराने की मांग की। जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने शून्यकाल में अटार्नी जनरल नियुक्ति का मामला उठाया। भाजपा ने अटॉर्नी जनरल नियुक्ति के मामले में निंदा प्रस्ताव लाकर चर्चा कराने की मांग की। जिसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने खारिज कर दिया।
इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। जिस वजह से सदन की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्रवाई फिर शुरू हुई तो किसानों के मुद्दे और बिजली कटौती को लेकर सदन गरमा गया। बीज, खाद, किसान कर्ज माफी को लेकर स्थनग में प्रस्ताव रखा गया।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा किसानों को 2 तरफा मार पड़ रहा है। वर्षा न होने पर किसान परेशान हैं। कर्ज माफी को लेकर पूर्ण रूप से नहीं किया गया है। 65 प्रतिशत बस दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज कार्रवाई को स्थगित करके इस पर चर्चा करनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा व्यावसायिक बैंकों के कजऱ् माफ नहीं हुआ है। किसान परेशान हैं। इसलिए सभी कार्य रोककर इस पर चर्चा की जाएं। अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस ने जनघोषणा के अनुरूप न किसानों का कर्ज माफ किया और न ही बिजली बिल हाफ किया।
इस पर कांग्रेस विधायकों ने कहा भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में घोषणा पत्र के वादे पूरे नहीं किए। जिसके कारण प्रदेश का ये हालात हैं। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश के 15 जिलों में सूखे के आसार हैं, किसानों को सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिल रही, पानी नहीं मिल रहा।
मानसून सत्र किसानों के लिए ही होता है, इसलिए इस स्थगन पर चर्चा होनी चाहिए। इसके बाद पक्ष- विपक्ष के विधायकों के बीच खूब हंगामा व नारेबाजी हुई। सदन की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
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