रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपये करने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि किसानों की आय दुगुना करने की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है, वहीं केन्द्र शासन द्वारा वर्ष 2019-20 में धान के समर्थन मूल्य में 65 रूपए की वृद्धि की जा रही है, यह वृद्धि नाकाफी है।
कल ही सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक और पत्र लिखी थी। जिसमें वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन के साथ वन क्षेत्रों में एक से 5 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र परियोजनाओं की स्थापना की अनुमति देने की मांग की थी।
अपने पत्र में सीएम भूपेश बघेल ने लिखा है कि 65 रूपये की वृद्धि मात्र 3.7 प्रतिशत है जबकि गत वर्ष धान के समर्थन मूल्य में 200 रूपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई थी। धान उत्पादन के लागत जैसे खाद, बीज, कीटनाशक, डीजल, मजदूरी आदि को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में धान का समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 2500 रूपए किया जाना आवश्यक हो गया है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य में हर वर्ष कृषकों के कुल धान उत्पादन के 65 प्रतिशत भाग का उपार्जन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्राथमिक कृषि साख समितियों के माध्यम से किया जाता है। राज्य द्वारा उपार्जित धान से लगभग 13 लाख 50 हजार लघु और सीमांत कृषक तथा 3 लाख 5 हजार बडे कृषक लाभांवित होते हैं।
इससे उपार्जित धान का सही मूल्य कृषकों को प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की प्राथमिकता किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त धान उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि दिया जाना भी प्रारंभ किया गया है।
खरीफ विपणन वर्ष 2018.19 में राज्य शासन द्वरा उपार्जित किए गए धान के लिए कृषकों को प्रति क्विंटल 2500 रूपए की राशि प्रदाय की गई है जिससे किसानों को न केवल धान उत्पादन का लागत मूल्य वापस मिल सके बल्कि उन्हें समुचित आय भी प्राप्त हो सके।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2018-19 में किसानों को दिए गए उपार्जित धान के मूल्य 2500 रूपए प्रति क्विंटल के अनुरूप भारत सरकार को भी खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करनी चाहिए।
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