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जब भी कोई अपराध घटित होता है तो सीएम होने के नाते मुझे लगता है कि मैं ही उसका पहला शिकार हूं : डॉ. रमन सिंह

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि जब भी कोई अपराध घटित होता है, तो वास्तव में उसका पहला शिकार राज्य होता है और मुख्यमंत्री होने के नाते मुझे लगता है कि मैं ही इस अपराध का पहला शिकार हूं। उन्होंने कहा-इसलिए जब जनता किसी अपराध का शिकार होती है, तो उसकी ओर से अपराधी को पकडऩा और पीडि़त पक्ष को न्याय दिलाना सरकार की जिम्मेदारी होती है। मुख्यमंत्री ने आज यहां नया रायपुर के छत्तीसगढ़ संवाद भवन में आपराधिक प्रकरणों के लिए न्याय प्रणाली (क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) विषय पर आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। जिला न्यायाधीशों, जिला दंडाधिकारियों (जिला कलेक्टरों), अभियोजन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के लिए यह राज्य स्तरीय सम्मेलन प्रदेश सरकार, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। दीप प्रज्ज्वलन और राष्ट्रगान के साथ सम्मेलन का शुभारंभ हुआ, जिसकी अध्यक्षता छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री टी.बी. राधाकृष्णन ने की।

सम्मेलन में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के तहत अपराधों की वैज्ञानिक विवेचना, प्रभावी अभियोजन और तेज गति से सुनवाई के लिए नई तकनीक और नए औजारों को बढ़ावा देने के बारे में विचारविमर्श हुआ। मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा-वास्तव में अपराध नियंत्रण और अपराधियों को सजा दिलाने के अलावा पीडि़त पक्ष को उचित समय पर न्याय दिलाना सबसे बड़ी चुनौती है, जिस पर हमें विशेष रूप से ध्यान देना होगा। डॉ. सिंह ने कहा- लोकतंत्र में विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका की त्रिवेणी ही कानून का राज स्थापित करने का माध्यम बनती हैं। उन्होंने विभिन्न प्रकार के अपराधों की रोकथाम और अपराधों से पीडि़त लोगों को न्याय दिलाने के लिए इस त्रिवेणी के अनुरूप न्यायिक अधिकारियों, जिला दंडाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के बीच परस्पर समन्वय की जरूरत पर बल दिया। डॉ. रमन सिंह ने कहा -आज के सम्मेलन की यह एक बड़ी विशेषता है कि अदालतों में अलग-अलग पक्ष रखने वाले दो पक्ष आज यहां एक साथ उपस्थित हैं। किसी भी अपराध से पीडि़त व्यक्ति को न्याय दिलाने की चुनौती का उल्लेख करते हुए कहा कि न्याय पाने वाले व्यक्ति को यह विश्वास होना चाहिए कि उसे न्याय दिलाने के लिए सभी अधिकारी सक्रियता से और गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा-सुशासन का असली उद्देश्य यह है कि चारों तरफ शांति और सुरक्षा का वातावरण हो और नागरिकों के मन में इस बात को लेकर यह पक्का भरोसा रहे कि उनके साथ कोई अन्याय नहीं होगा और वे किसी भी आपराधिक घटना के शिकार नहीं होंगे और यदि परिस्थिति वश ऐसा होता है तो उन्हें निश्चित रूप से न्याय मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा- इसलिए एक प्रभावशाली क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम भी सुशासन का एक अनिवार्य हिस्सा है, जो हम सब की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।


अध्यक्षीय भाषण में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री राधा कृष्णन ने कहा कि आज के समय में पूरी दुनिया में आपराधिक परिदृश्य काफी बदल गया है। अपराधों की रोकथाम और पीडि़तों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में सभी तथ्यों की वैज्ञानिक तरीके से विवेचना होनी चाहिए। श्री राधाकृष्ण ने कहा -मैं व्यक्तिगत रूप से यह महसूस करता हूं कि कोई भी विवेचना ठोस तथ्यों के साथ सत्य पर आधारित होनी चाहिए। श्री राधाकृष्णन ने इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और छत्तीसगढ़ सरकार की प्रशंसा की। छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री प्रशांत मिश्रा ने विषय प्रवर्तन करते हुए अपने व्याख्यान में अपराधों की वैज्ञानिक विवेचना के साथ-साथ पुलिस, अभियोजन और न्यायपालिका में बेहतर समन्वय की जरूरत बताई। उन्होंने फोरेंसिक विज्ञान, फोरंसिक इंजीनियरिंग आदि पहलुओं का भी उल्लेख किया और कहा कि प्रभावी विवेचना के साथ-साथ प्रभावी अभियोजन भी जरूरी है।

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