पिता की मृत्यु के बाद पेंशन का पहला हक मां का होता है। लेकिन यदि मां ना हो तो परिवार में नाबालिग पुत्र या पुत्री को ये अधिकार मिल जाता है। लेकिन रेलवे में पेंशन या नौकरी को लेकर कुछ अलग ही नियम है।
लिहाजा एक बेटा अपने पिता का पेंशन पाने इस हद तक गुजर गया कि उसने सेक्स ही चेंज करा लिया और अविवाहित बेटी बनकर पेंशन का दावा करने लगा, फिर उसकी दाल नहीं गल पाई है।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, एक युवक के पिता की मृत्यु साल 2017 में ही हो गई थी। वह एक रिटायर्ड रेलवे कर्मी थे। आपको बता दें कि रेलवे ऐसे सभी परिवारों को पेशन देता है जो परिवार उसी कर्मी पर आश्रित हों। यानी कि कर्मी के बेटे ना हो या फिर बेटा 25 साल की उम्र से कम हो।
मतलब अगर किसी रेलवे कर्मी के परिवार में सिर्फ बेटियां हो और उनकी शादी ना हुई हो तो उस परिवार को पेंशन मिल सकता है।दरअसल, साल 2018 में चेन्नई स्थित दक्षिण रेलवे के ऑफिस में एक पत्र आया, जिसके बाद ये मामला शुरू हुआ।
रेलवे इस पत्र को लेकर किसी तरह की नतीजे पर नहीं पहुंच पाया। अंतत: रेलवे ने इस पत्र को केंद्रीय कार्मिक, पेंशन और लोक शिकायत मंत्रालय को भेज दिया।साथ ही पत्र की एक कॉपी केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को भेज दिया है।
ये मामला बहुत ही पेचीदा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोई ऐसा परिवार जिसमें 25 साल से अधिक उम्र का बेटा है, वह फैमिली पेंशन के लिए योग्य नहीं है। हालांकि अविवाहित बेटी या तलाकशुदा बेटी को लेकर कोई तय कानून नहीं है।
असल में सरकारी कर्मचारियों के मृत्यु के बाद उनकी पत्नियों को पेंशन देने का रिवाज चला आ रहा है। बेटे ने अपनी एक याचिका में इस बात का दावा किया है कि जब उसके पिता जिंदा था तभी से वह महिला की तरह जीवन व्यतीत कर रहा है।
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