छत्तीसगढ़स्लाइडर

छत्तीसगढ़: कल खुलेंगे स्कूलों के पट…लेकिन बच्चे नहीं शिक्षक ही पहुंचेंगे…विद्यार्थियों की मचेगी धमाचौकड़ी 24 से…

रायपुर। स्कूलों के बंद पट 18 जून से खुलेंगे, लेकिन इस बार स्कूलों में बच्चों के बजाए शिक्षक ही दिखेंगे। स्कूलों के परिसर में 24 जून से विद्यार्थियों की धमाचौकड़ी मचेगी।

इस वर्ष बच्चोंं को नि:शुल्क गणवेश वितरण का कार्य स्कूल खुलने के पहले ही सप्ताह में वितरण कर दिया जाएगा। दूसरी ओर एक बार फिर पुरानी समस्याएं स्कूूलों में मुहबाय देख रही है।

कहीं भवन जर्जर है तो कहीं पानी की समस्या है। शिक्षकों की कमी से भी प्रदेश की सरकारी स्कूलें जूझ रही हैं। शिक्षा विभाग सत्र प्रारंभ के पूर्व तैयारियों में जुटा हुआ है। कहीं समस्या न हो इसके चलते विभाग के अधिकारी लगे हुए हैं।



प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अभी भी शिक्षकों के पद रिक्त हैं। प्राथमिक स्कूल को छोड़कर माध्यमिक, हाई व हायर सेकंडरी स्कूल में शिक्षकों की ज्याजदा कमी हैं।

माध्यमिक स्कूलों में दो या तीन शिक्षकों के भरासे संचालित किया जा रहा है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां एक शिक्षक के भरोसे प्राथमिक शाला की कक्षाएं संचालित हो रही है।

हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में भी यही समस्याएं बनीं हुई हैं। शिक्षकों की कमी को लेकर विभाग भी चिंतित है। पिछले कई वर्षों से शिक्षकों की कमी से स्कूल जूझ रहा है। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।


WP-GROUP

स्कूलों में बिजली व पानी की नहीं है व्यवस्था

प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में आज भी बिजली व पेयजल की सुविधा नहीं हैं। बच्चों स्कूलों के आसपास स्थित बोर व घरों से पेयजल की व्यवस्था करते देखें जा सकते हैं। प्राथमिक व माध्यमिक शाला के बच्चों को मध्याह्न भोजन तो दिया जाता है, लेकिन पानी नहीं।

भोजन कर ये छात्र-छात्राएं स्वयं पेयजल की जुगाड़ करते हैं। नलजल योजना के तहत स्कूलों में पानी की व्यवस्था स्कूलों में करनी थी, लेकिन शिक्षा विभाग अभी तक इसकी व्यवस्था नहीं कर पाया है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि प्रस्ताव बनाकर पीएचई विभाग को भेज दिया है।

वहीं मध्याह्न भोजन बनाने के लिए भी अलग से कीचन शेड का निर्माण भी नहीं किया गया है। कई स्कूलों में जर्जर भवनों के कमरों व अतिरिक्त कमरों में मध्याह्न भोजन पकाया जाता है। धुएं से बच्चों परेशान हो जाते हैं।

शौचालयों को भी मरम्मत की दरकार

स्कूलों में बने शौचालय जर्जर हो चुके हैं। जिसे मरम्मत की अतिआवश्यकता है। बच्चे जर्जर शौचालय का उपयोग करते हैं। वहीं कई स्कूलों में पानी नहीं होने के कारण बच्चों शौचालय का उपयोग भी नहीं करते हैं।

पाठ्यपुस्तक व गणवेश का होगा वितरणइस वर्ष बच्चोंं को नि:शुल्क गणवेश वितरण का कार्य स्कूल खुलने के पहले ही सप्ताह में वितरण कर दिया जाएगा। वहीं पाठ्यपुस्तक भी स्कूलों में पहुंच चुकी है।

यह भी देखें : 

छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थान पर हो सकती तेज बारिश… दोपहर बाद बदलेगा राजधानी में मौसम का मिजाज…

Back to top button
close