छत्तीसगढ़ में हुए लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha election 2019) में नोटा (नन ऑफ द एबव) मतलब इनमें से कोई नहीं का लोगों ने जमकर इस्तेमाल किया। ये मतदान के लिए ईवीएम में ऐसी व्यवस्था होती है जिसके तहत अगर आपको कोई प्रत्याशी पसंद नहीं है तो आप नोटा पर वोट दे सकते है।
मालूम हो कि भारत में नोटा की शुरूआत साल 2009 में हुई थी। स्थानीय चुनावों में मतदाताओं को नोटा का विकल्प देने वाला छत्तीसगढ़ भारत का पहला राज्य था। साल 2013 में चार राज्यों में छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और मध्यप्रदेश से इसकी शुरूआत हुई थी।
फिर साल 2014 में नोटा को पूरे देश में लागू कर दिया गया। मगर क्या आपको पता है लोकसभा चुनाव 2019 में छत्तीसगढ़ का कांकेर ऐसा सीट हैं जहां बीजेपी प्रत्याशी के जीत के आकड़ों से पांच गुना अधिक वोट नोटा को मिला था।
नोटा से जुड़ी कुछ खास बातें
. छत्तीसगढ़ में नोटा पर बंपर वोट.
. प्रत्याशी के जीत के आकड़ों से पांच गुणा अधिक वोट नोटा को.
. बस्तर में सार्वाधिक तो दुर्ग में सबसे कम नोटा पर पड़ा वोट.
. नोटा के बढ़ते आकड़ों ने राजनीतिक दलों को चिंता में डाला.
. बीजेपी ने नोटा को मिले बंपर वोट की जांच की मांग की
छत्तीसगढ़ के 11 सीटों पर नोटा को मिले वोट के आंकड़े…
लोकसभा क्षेत्र – नोटा को मिले वोट
- बस्तर – 41667
- सरगुजा – 29265
- कांकेर – 26713
- महासमुंद – 21241
- राजनांदगांव – 19436
- कोरबा – 19305
- रायगढ़ – 15729
- जांजगीर-चाम्पा – 9981
- बिलासपुर – 4365
- रायपुर – 4292
- दुर्ग – 4271
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