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WORLD CUP में पहली बार लागू होंगे ICC के ये सात नियम…खराब व्यवहार किया तो…

क्रिकेट विश्व कप का 12वां सीजन इंग्लैंड-वेल्स में 30 मई से शुरू हो जाएगा। इस बार जहां सिर्फ 10 टीमें ही टूर्नामेंट में भाग ले रही हैं वहीं नए नियम भी लागू हो रहे हैं।

दरअसल पिछला वर्ल्ड कप 2015 में खेला गया था लेकिन उसके बाद आईसीसी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 7 नए नियम लागू कर दिए। यही कारण है कि 4 साल बाद 2019 वर्ल्ड कप में ये सारे नियम भी लागू होंगे।

वैसे ये सारे नियम वनडे क्रिकेट में यूं तो लागू हो चुके हैं, पर वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में ये नियम पहली बार लागू होंगे। आईए जानते हैं उन 7 नियम के बारे में जो इस बार के वर्ल्ड कप में लागू होंगे।



हेलमेट से आउट, पर हैंडल द बॉल नॉटआउट:
अगर बल्लेबाज का हवाई शॉट फील्डर के हेलमेट से लगकर उछला और किसी फील्डर ने कैच ले लिया तो बल्लेबाज को आउट करार दिया जाएगा। लेकिन हैंडल द बॉल की स्थिति में बल्लेबाज को नॉटआउट रहेगा।

खराब व्यवहार किया तो अंपायर बाहर भेज देगा:
अगर अंपायर को लगा कि किसी खिलाड़ी ने बेहद खराब व्यवहार किया है, तो वह उस खिलाड़ी को आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट की लेवल 4 की धारा 1.3 के तहत दोषी मानते हुए फौरन मैच से बाहर भेज सकता है।



अंपायर्स कॉल पर रिव्यू खराब नहीं होगा:
अगर बल्लेबाज या फील्डिंग टीम डीआरएस लेती है और अंपायर्स कॉल के कारण अंपायर का फैसला बरकरार रहता है, तो टीम का रिव्यू खराब नहीं होगा।

गेंद दो बार बाउंस हुई तो नो बॉल होगी:
मैच के दौरान यदि गेंदबाज कोई गेंद फेंकता है और वह गेंद दो बाउंस के साथ यदि बल्लेबाज तक पहुंचती है तो वह नो बॉल होगी। पहले नो बॉल देने का नियम नहीं था। नो बॉल पर बल्लेबाज को फ्री-हिट भी मिलती है।
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बैट के ऑन द लाइन होने पर भी रनआउट होगा:
पहले रनआउट, स्टंपिंग के केस में बल्ला लाइन पर होने पर नॉटआउट होता था लेकिन अब ऑन द लाइन बल्ला होने पर आउट होगा। अगर बल्ला या बल्लेबाज का पैर क्रीज के अंदर है और हवा में भी है, तो भी बल्लेबाज नॉटआउट रहेगा।

बल्ले की चौड़ाई और मोटाई भी तय हो गई है:
गेंद-बल्ले में बराबरी का मुकाबला रखने के लिए बल्ले का आकार निश्चित कर दिया गया है। बैट की चौड़ाई 108 मि.मी, मोटाई 67 मि.मी और कोनों पर 40 मि.मी से ज्यादा नहीं हो पाएगी। संदेह होने पर अंपायर बैट गेज (माप यंत्र) से बल्ले की चौड़ाई मापी सकेगा।

लेग बाई और बाई के रन अलग से जुड़ेंगे:
पहले यदि कोई गेंदबाज नो बॉल फेंकता था तो इस पर बाई या लेग बाई से बने रन नो बॉल में जुड़ते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नोबॉल का रन अलग से और बाई-लेग बाई का रन अलग से जोड़ा जाएगा।

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