नई दिल्ली। सबसे बड़े लोकतंत्र में हार-जीत का परिणाम 23 मई को आएगा। ईवीएम से निकले आंकड़े यह बताएंगे की हिन्दुस्तान की सत्ता पर कौन काबिज होगा। क्या मोदी दोबारा पीएम की कुर्सी संभालेंगे या कोई और होगा प्रधानमंत्री। आइए जानतें है कि कैसे ईवीएम से गिनती होती है।
ईवीएम के साथ वीवीपैट जोड़ा गया है और पर्चियों का मिलान भी होना है। इस चुनाव में यह व्यवस्था पहली बार लागू हो रही है। प्रक्रिया के अनुसार सबसे पहले ईवीएम (कंट्रोल यूनिट) के रिजल्ट बटन से वोट की गणना होगी। उसके बाद पांचों वीवीपैट के परिणाम से कंट्रोल यूनिट से मिले आंकड़ों को मिलाया जाएगा।
पिजन होल बॉक्स की पर्चियों की संख्या से भी वोटों की संख्या का मिलान होगा। ये वही पर्चियां हैं जो आपको वोट डालते समय वीवीपैट के दाईं तरफ से निकलती दिखाई दी थीं। इन पर्चियों की गणना भी वोटों की गिनती के साथ हुई थीं।
पिछली बार ईवीएम को लेकर विवाद हुआ था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट के निर्णय के बाद पहली बार पांच वीवीपैट का वोटों की गिनती में इस्तेमाल हो रहा है। इससे वोटों की गिनती में किसी भी प्रकार के हेरफेर की गुंजाइश पूरी तरह खत्म हो जाती है।
आप यह भी जान लें कि किस तरह वोटिंग मशीन ईवीएम में कैद आपका हर वोट पूरी तरह सुरक्षित है। मतदान के बाद स्ट्रांग रूम में रखे गए ईवीएम मतगणना के दिन ही निकाले जाएंगे, फिर मतगणना केंद्रों पर शुरू होगी वोटों की गिनती।
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