महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कंजरभाट समुदाय में लड़कियों को शादी के तुरंत बाद ही अपने कुंवारी होने का सबूत देना पड़ता है। इसे वर्जिनिटी टेस्ट भी कहा जाता है। यदि लडक़ी इस टेस्ट में फेल हो जाती है तो उसे वापस उसके घर यानी मायके भेज दिया जाता है और फिर उसकी जीवनभर शादी नहीं हो पाती।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, इसी कंजरभाट समुदाय के एक परिवार ने वर्जिनिटी टेस्ट की इस प्रथा का विरोध और सामाजिक बहिष्कार किया तो मामला पुलिस तक पहुंच गया। गुरुवार को ठाणे पुलिस ने पीडि़त परिवार की शिकायत के आधार पर अंबरनाथ कस्बे के 4 लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र जन सामाजिक बहिष्कार निषिद्ध (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम के तहत यह मामला दर्ज किया है।
दरअसल, शिकायतकर्ता विवेक तामचीकर ने पुलिस को बताया कि उनके समुदाय की जाति पंचायत ने बीते एक साल से उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया है क्योंकि उन्होंने समाज की उस प्रथा का विरोध किया था जिसके तहत नवविवाहित महिला को यह साबित करना होता है कि वह शादी से पहले कुंवारी थी।
विवेक ने आरोप लगाया कि उनकी पंचायत ने समुदाय के सभी सदस्यों को निर्देश दिया है कि वे उनके परिवार के साथ किसी तरह का संबंध न रखें। बता दें कि, कंजरभाट समुदाय में शादी के बाद लड़कियों के वर्जिनिटी टेस्ट की परंपरा चलती है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रशासन हमेशा से ही इस तरह की प्रथाओं का विरोध किया है। इस मामले में शिकायत के मिलने के बाद संज्ञान लिया गया और चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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