विस सीट 90: भाजपा का टारगेट 65, कांग्रेस की दावेदारी 90 सीटों पर

रायपुर। अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के लिए 65 सीट का टारगेट देकर पहले ही राजनीति गरमा दी थी। अब पीएल पुनिया ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 25 सीट तो भाजपा पहले ही हार चुकी है। प्रभारी का कहना है अब बीजेपी को उन विधासाभाओं की सूची जारी कर देनी चाहिए, जहां वे हारने वाले है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 90 सीटों में जीत हासिल करेगी। टारगेट को देखकर लगता है कि इस बार राज्य में 155 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस, बीएसपी सहित कई पार्टियों का तो नामों निशान ही नहीं दिखता है। भाजपा और कांग्रेस दोनों इस बार राज्य में सत्ता पर काबिज होने के लिए जोर लगा रहे हैं। भाजपा ने बकायदा एक नारा भी दिया है, जहां कम वहां दिखाएं दम। सत्ता पर काबिज बीजेपी सरगुजा और बस्तर में सबसे पहले जोर लगा रही है। सरगुजा में एक भी सीट उनके पास नहीं है, जबकि बस्तर में भी आंकड़ों के लिहाज से कांग्रेस मजबूत है। बस्तर और सरगुजा का लगातार दौरा इस बात का संकेत है कि बीजेपी 65 का टारगेट पूरा करने के लिए सालभर पहले से ही दम लगा रही है वहीं कांग्रेस ने भी उन सीटों पर ध्यान केन्द्रीत कर दिया है, जहां उनकी स्थिति अच्छी है। जब से पीएल पुनिया प्रभारी बने है उन्होंने छत्तीसगढ़ के अधिकतर हिस्सों का दौरा कर लिया है और इस बार नई रणनीति के तहत काम किया जा रहा है। कांग्रेस पहली बार बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को नियुक्त कर रही है, जो बदलेंगे नहीं। टिकट किसी को भी मिले बूथ में बैठने वाला कार्यकर्ता वहीं रहेगा। यानी साफ संकेत दिया जा रहा है कि पार्टी के लिए काम करना है व्यक्ति के लिए नहीं। जोन के हिसाब से भी टीम तैयार की है, जो इसका निरीक्षण करेगी। भाजपा भी कार्यकर्ताओं को मजबूत करने की कोशिश में है मुख्यमंत्री ने बहुत पहले कहा था कि कार्यकर्ता ही चुनाव जिताते हैं। बीजेपी संगठन के दो लोग और प्रभारी अनिल जैन का लगातार दौरा इस बात का सूचक है कि चौथी बार भाजपा सरकार, को पार्टी गंभीरता से ले रही है। गुजरात में अमित ने 150 का लक्ष्य रखा था, लेकिन पार्टी को सौ से कम सीटें मिली है। अगर वहां के लिहाज से देखे तो वहां केवल 32 सीटें ही बाकी पार्टियां जीत रही थी। इसे आकंड़ों से लिहाज से देखें तो यह केवल जुमले के लिए ठीक है। यह अलग बात है कि छत्तीसगढ़ में पुनिया ने भाजपा के बयान की काट खोज ली है।