अलवर। अलवर के पास एक पति और पत्नी बाइक से कहीं जा रहे थे कि अचानक उन्हें दो बाइक पर सवार 5 लोगों ने घेर लिया। मारपीट करते हुए उन्हें सुनसान जगह पर ले गए और फिर पति की आंखों के सामने पत्नी से गैंगरेप किया।
पति बार-बार पत्नी को छोडऩे की गुहार लगा रहा था लेकिन वे दरिंदगी करते रहे। इतना ही नहीं इस काली करतूत का वीडियो भी बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया।
उस वीडियो में एक पति है उसकी पत्नी है और उन्हें घेरे हुए पांच वहशी हैं। एक सुनसान इलाके पर इन गुंडों ने इस जोड़े को घेर रखा है। एक ने पति ने गिरेबान को दबोच रखा है, तो दूसरे ने पत्नी का। और तीन आरोपी हैं। एक साथी इस पूरी वारदात का वीडियो बना रहा था। इन वहशियों ने पति के सामने उसकी पत्नी के साथ एक-एक करके गैंग रेप किया।
और उसका वीडियो भी बना लिया। पति बार-बार पत्नी को छोडऩे की गुहार लगा रहा था। मगर ये वहशी मानने को तैयार नहीं थे। उलटा उसे डंडों से पीटते जा रहे थे। करीब तीन घंटे तक ये वहशी बेबस लड़की से बलात्कार करते रहे।
वीडियो वायरल होने के डर से पति गैंगरेप पीडि़त पत्नी के साथ चार दिनों तक अपने ही घर में कैद रहा। लेकिन गैंगरेप का ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। तब पति और पत्नी ने तय किया कि वो अब चुप नहीं बैठेंगे और आरोपियों को सज़ा दिलाकर रहेंगे। तब जाकर कही ये वहशियाना गैंगरेप की वारदात दुनिया के सामने आई। पुलिस ने घटना के 12 दिन बाद अब जाकर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गैंगरेप पर पर्दा डालने में लगी थी पुलिस
दूसरी ओर अलवर पुलिस दलित महिला के साथ तीन घंटे तक हुए गैंगरेप पर पर्दा डालने में लगी थी। अलवर पुलिस ने राज्य के आला पुलिस अधिकारियों को भी इस दरिदंगी के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी, जबकि घटना का भयावह वीडियो जंगल में आग की तरह सोशल मीडिया में फैल गया था। इस बीच गैंगरेप के खिलाफ जयपुर में जोरदार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।
उधर, राज्य पुलिस ने उन खबरों को खारिज कर दिया है कि अलवर पुलिस ने चुनाव के बीच इस पूरे मामले के राजनीतिक असर को देखते हुए उसे छिपाने की कोशिश की। अधिकारी ने कहा, चुनाव को देखते हुए कई वीआईपी और वीवीआईपी अलवर के दौरे पर थे।
सुरक्षा व्यवस्था प्राथमिकता थी लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इस तरह के गंभीर मामले को अनदेखा कर दिया जाए। यह संवेदनशीलता की कमी और एफआईआर दर्ज करने की अनिच्छा का संकेत है।
पुलिस की इस लापरवाही की अब आईजी स्तर के अधिकारी जांच कर रहे हैं, जबकि सूत्रों ने बताया कि जिले के एसपी डॉक्टर राजीव पचार को इस पूरे मामले को ठीक ढंग से नहीं संभालने और गैंगरेप की गंभीरता का आकलन करने में असफल रहने पर प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है।
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