
रायपुर। लंबे समय से छोटे प्लाटों पर रजिस्ट्री बेन होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्री पर प्रतिबंध हटा दिया गया। लेकिन अब पेपर दुरूस्त करने में पटवारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं।
क्योंकि ये सभी प्रक्रिया पूर्व सरकार ने ऑनलाईन के माध्यम से कर दी हैं। अब इस मामले में प्रदेश के पटवारी बिना बताए भुईंया साफ्टवेयर में बदलाव और अभिलेख दुरूस्ती में आ रही दिक्कत से हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं।
वे सभी 4 मई को राजधानी में एकजुट हो रहे हैं, जहां हड़ताल की रूपरेखा तय की जाएगी। उनका कहना है कि साफ्टवेयर से काम करने में उन सभी को कई तरह की परेशानी हो रही है। कई भू-रिकॉर्ड अचानक गायब हो जा रहे हैं।
इतना ही नहीं, किसानों का नाम, पता या अन्य कोई चीज बदलाव करने में भी दिक्कत आ रही है। ऐसे में वे सभी आगे की रणनीति बनाने एकजुट हो रहे हैं। जमीन की खरीदी-बिक्री में हेराफेरी या पटवारियों के खिलाफ आ रही शिकायतों के बाद भूमि संबंधी सभी रिकार्ड ऑनलाइन कर दिए गए हैं।
भुईंया साफ्टवेयर में सभी रिकार्ड ऑनलाइन रखे गए हैं और इसी में पटवारियों को काम करना है, लेकिन इस साफ्टवेयर में एनआईसी द्वारा समय-समय पर अचानक बदलाव कर दिए जा रहे हैं, जिससे पटवारियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उन्हें भू-राजस्व रिकार्ड दुरूस्त करने में दिक्कत हो रही है।
उन्हें रिकार्ड गायब होने का डर भी बना हुआ है। उनकी शिकायत है कि साफ्टवेयर में बदलाव उन सभी को बिना बताए किए जा रहे हैं और प्रशिक्षण के दौरान में उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है।
नए साफ्टवेयर में भू-स्वामी का इंद्राज किस प्रकार किया जाएगा, इस संबंध में कुछ नहीं बताया गया है। उनका कहना है कि वे सभी साफ्टवेयर में आने वाली समस्याओं को लेकर फिलहाल एकजुट हो रहे हैं। हड़ताल पर जाने की रणनीति भी बन सकती है।
यह भी देखें :
तेन्दूपत्ता खरीदी मामले में टी.एस.सिंहदेव ने कहा…4 हजार रूपए प्रति मानक बोरे की दर से होगी खरीदी