स्पोर्ट्स डेस्क। क्रिकेट में एक कहावत है पकड़ो कैच और जीतो मैच। मतलब कैच पकडि़ए और मैच जीतिए। किसी भी टीम के लिए जितनी महत्वपूर्ण गेंदबाजी और बल्लेबाजी होती है उतनी ही फील्डिंग भी होती है क्योंकि हार-जीत के खेल में अक्सर 1-1 रन भी बहुत मायने रखते हैं। यही वजह है कि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली खुद भी फिटनेस पर बहुत ध्यान देते हैं और बाकी खिलाडिय़ों से भी इसपर काम करने के लिए कहते हैं।
इस वक्त इंडियन टी-20 लीग में विराट की टीम बैंगलोर फिल्ड में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो रही है। वो अब तक सीजन में खेले गए अपने सभी 6 मैच हार चुकी है। इन हार के लिए विराट लगातार अपने गेंदबाजों को दोष दे रहे हैं लेकिन आंकड़ों की मानें तो विराट की टीम के शर्मनाक प्रदर्शन के लिए उनकी फील्डिंग बहुत हद तक जिम्मेदार है।
बैंगलोर ने अब तक 6 मैच खेले हैं और अगर ईएसपीएन क्रिकइंफों के आंकड़ों की मानें तो 8 टीमों में से सबसे खराब कैचिंग और फील्डिंग स्टेंडर्ड विराट सेना का रहा है। खेले गए 6 मैचों में बैंगलोर को 33 कैच पकडऩे का मौका मिला जिसमें से उन्होंने सिर्फ 19 कैच सफलतापूर्वक पकड़े लेकिन 14 कैच छोड़ डाले। कैच पकडऩे के मामले में फिलहाल सबसे अच्छा रिकॉर्ड पंजाब का है जिन्होंने 20 मौके में 19 बार कैच पकड़े हैं, वहीं चेन्नई ने 32 मौकों में 29 बार कैच पकड़े हैं।
गेंदबाजी में भी फिसड्डी
बात करें गेंदबाजों द्वारा फेंके गए नो बॉल की तो यहां भी बैंगलोर ही आगे है। विराट की टीम ने अब तक खेले गए 6 मैचों में 6 नो बॉल फेंके हैं मतलब 6 फ्री हिट और टी-20 में फ्री-हिट का मतलब होता है अतिरिक्त गेंद के साथ मुफ्त के रन लुटाना।
एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में टीम के सदस्य एबी डिविलियर्स ने कहा कि हम एक मैच में 3 नो बॉल और 8 वाइड नहीं फेंक सकते हैं, हम कैच नहीं छोड़ सकते हैं, हम दबाव में बिखर नहीं सकते हैं। एबी के इस बयान से समझा जा सकता है कि विराट के अलावा खुद एबी भी टीम की फील्डिंग और गेंदबाजी से निराश हैं।
यह भी देखें :
Add Comment