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रायपुर: खाद्य मंत्री भगत ने कहा…प्रदेश में सभी के लिए खाद्यान्न की समुचित व्यवस्था…लॉकडाउन में बनाए गए 30 हजार नए राशनकार्ड…जोड़े गए छूटे हुए 44 हजार नाम…

रायपुर। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कल वीडियो कांफेस्रिग के माध्यम से पत्रकारों से चर्चा की। श्री भगत ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के लिए किए गए लाकडाउन के दौरान प्रदेश में सभी परिवारों के लिए समुचित खाद्यान्न की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशों पर अब बिना राशनवार्ड वाले व्यक्तियों को भी प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल दिया जा रहा है। श्री भगत ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में लगभग 30 हजार परिवारों के नए राशनकार्ड बनाए गए हैं।

साथ ही 44 हजार से अधिक छूटे हुए व्यक्तियों का नाम राशनकार्डों में जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के हर संभव प्रयास करेंगे और सफल भी होंगे।

श्री भगत ने लाकडाउन के दौरान प्रदेश की जनता से प्रशासन को मिले अभूतपूर्व सहयोग के लिए सभी को धन्यवाद भी दिया।

श्री भगत ने कहा कि राज्य शासन ने इस महामारी से निपटने के लिए हर क्षेत्र में कुशल प्रबंधन किए हैं और यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों की तुलना में कोरोना का प्रकोप काफी कम व नियंत्रित है।

कोरोना वायरस से उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों को राज्य सरकार ने काफी पहले भांपकर लॉकडाउन के पहले से ही इसके लिए गंभीर प्रयास प्रारंभ कर दिए थे। इन विषम परिस्थितियों में खाद्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी लोगों के लिए समुचित खाद्यान्न की व्यस्था की गई है।

कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में राज्य के हितग्राहियों को खाद्यान्न सामग्री की उपलब्धता में कोई कठिनाई न हो, इस उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा व नि:शक्तजन श्रेणी के राशनकार्डधारी परिवारों को 3 माह अप्रैल, मई व जून 2020 का चावल नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री के निर्णय का त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए खाद्य विभाग ने लॉकडाउन के पहले ही 22 मार्च से 02 माह, अप्रैल व मई, 2020 का खाद्यान्न एकमुश्त आबंटित करते हुए इसका भण्डारण शुरू कर दिया था।

30 मार्च तक 90 प्रतिशत उचित मूल्य दुकानों में एवं 05 अप्रैल तक राज्य के शत-प्रतिशत 12 हजार 306 उचित मूल्य दुकानों में 02 माह का खाद्यान्न भण्डारण पूर्ण करा लिया गया। लॉकडाउन की विशम परिस्थितियों में जहां एक ओर हमालों एवं परिवहन की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती रही।

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